स्थापना दिवस पर लोकार्पण संग किया सम्मान

दिल्ली। पीजीडीएवी सांध्य महाविद्यालय के सभागार में राष्ट्रीय संस्था 'देवशील मेमोरियल …एक संकल्प' का तृतीय स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम से आयोजित हुआ। उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. आशीष कंधवे (अध्यक्ष राशदादा…

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अकादमी पुरस्कार हेतु बधाई

रोहतक (हरियाणा)। वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. शामलाल कौशल (रोहतक) को हरियाणा साहित्य अकादमी (पंचकुला) ने श्रेष्ठ कृति पुरस्कार के लिए चयनित किया है। हिंदी कृति 'आज्ञाकारी पति होने के फायदे' को…

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पद्मश्री अशोक चक्रधर की मौजूदगी में २५ दिसम्बर को ‘ठिठोली’

दिल्ली। हास्य कवि सम्मेलन 'ठिठोली' आईआईटी दिल्ली के सेमिनार हॉल में हास्य, व्यंग्य और ठहाकों के सशक्त हस्ताक्षर पद्मश्री अशोक चक्रधर और देश के बेहतरीन कवियों व कवयित्रियों के साथ…

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कवि ‘भारत रत्न’ की जयंती पर अटलश्री काव्य गोष्ठी

नागदा (मप्र)। राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना (उज्जैन) द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न, विश्वकवि अटलबिहारी वाजपेयी के जयंती महोत्सव के अवसर पर राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी का आयोजन होगा। मुख्य अतिथि शिक्षाविद्- साहित्यकार…

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राही

उमेशचन्द यादवबलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** हम भी राही, तुम भी राही,चलो, राह आसान बनाते हैंजब दोनों हैं राही-राही,चलो, इरादा नेक बनाते हैं। सभी मुसाफिर व्यस्त हैं खुद में,चलो, हम कुछ बतियाते हैंराह…

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जीवन प्रबंधन में समय नियोजन का ही महत्व

राधा गोयलनई दिल्ली****************************************** जीवन को सुचारू रूप से चलाने के लिए समय प्रबंधन का बहुत महत्व है। जो इसका पालन नहीं करते या नहीं समझते, वे खुद तो परेशान होते…

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भाग सके तो भाग

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ हाथ तिरंगा, सर पे पंगा,दिल में लेकर आग।निकल पड़े हम स्वाहा करने,तुझे कालिया नाग॥ जब चाहा तूने फुफकारा,वीर बांकुरों को ललकारासीमाओं पर घुस कर तूने,निर्दोषों को छल से…

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बचाने वाले हैं

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद विनम्र’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************* पाँवों में पड़ गए छाले हैं,महंगे फिर भी निवाले हैं। जो जी तोड़ करे मेहनत,संताप उसने नहीं पाले हैं। काम की बारी जब आए,मुँह पर…

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कैसा ताना-बाना ?

डॉ.अशोकपटना(बिहार)********************************** समय को बांधने का,प्रयास जारी हैसफलता दूर-दूर तक,दिख रही भारी है। अच्छी-अच्छी बातें,कर रहे हैं लोगसच्चाई कुछ और ही,दिख रही है चारों ओर। वक्त को लोग समझाने में,शिद्दत से…

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रातों को जगाकर

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीमनेन्द्रगढ़ (छत्तीसगढ़)********************************************* यादें तंग करती है,रातों को जगाकरधीमे से आकर,कुछ पल खट्टे-मीठेपलकों के नीचे,आँखों को भीचेंयादें तंग करती है। मुड़कर देखा तो,बचपन के साथीछुपा-छुपी खेले,पेड़ों के नीचेस्कूल के…

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