धरती माता भंडार
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* धरती माता लाड़ का, है असीम भंडार।संतति की सेवा करे, है सुख का आगार॥है सुख का आगार, धरा है सुख की छाती।जो व्यापक संपन्न, प्रचुर है…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* धरती माता लाड़ का, है असीम भंडार।संतति की सेवा करे, है सुख का आगार॥है सुख का आगार, धरा है सुख की छाती।जो व्यापक संपन्न, प्रचुर है…
गोपाल मोहन मिश्रदरभंगा (बिहार)***************************************** पुरानी दीवारों पर पुते हुए,नए पेंट के रंग उखड़ गए हैंदीवार के पुराने दिन,कहीं इनसे झाँकते से लगते हैं। तुम्हारी उंगलियों से उकेरे हुए,फूल अब भी…
ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** रोना छोड़...हल्ला बोल,चुप्पी तोड़...हल्ला बोल। अत्याचार...अपचार को,सहना छोड़...हल्ला बोल। आतताईयों...हिंसक की,बाँह मरोड़...हल्ला बोल। बलात्काररियों...गुंडे की,आँखें फोड़...हल्ला बोल। अत्याचारी...खूनी की,टांगें तोड़...हल्ला बोल। देशघाती...राष्ट्र द्रोही,हैं ये कोढ़...हल्ला बोल। मुफ्तखोर…
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** एक बार चुन्नू पड़ोसी के घर में रखे दहेज के सामान को देख रहा था।;फ्रीज, कूलर, कुर्सी, टेबल, सोफ़ा सेट, अलमारी सभी सामान अभी बाहर ही रखे…
श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* मेरा नाम 'समय' है, मैं किसी का मोहताज नहीं,यह सच है मेरा ना घर है ना द्वार, नहीं है कोई राज। मैं आजाद पंछी हूँ चक्र…
डॉ. मोतीलाल गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** जनभाषा में न्याय! 'राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग' उपभोक्ताओं के शोषण के निवारण और उसकी सुनवाई की देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था है। अगर यदि किसी…
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** महाकवि कालिदास जयंती (४ नवम्बर) विशेष... साहित्य के क्षेत्र में अभी तक हुए महान कवियों में कालिदास जी अद्धितीय थे। उनके साहित्यिक ज्ञान का कोई वर्णन नहीं किया…
बबीता प्रजापति ‘वाणी’झाँसी (उत्तरप्रदेश)****************************************** रुको जिंदगी,ठहर जाने दोतन्हा हूँ बहुत,मेरे घर जाने दो। माँ-बाबू जी,यारों की यारियाँमिलकर करनी है,दीवाली की तैयारियाँतुलसी के क्यारे में,एक सांझ का दीप धर आने दो।रुको…
राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** मैं निकला घर की खोज में,अनजान राहों से एक रोज मैंजाते-जाते कई मकान मिले,मिला नहीं घर किसी रोज में। मैंने एक दरवाजा खटखटाया,फिर एक पुरूष…
अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* खूबियाँ ख़ामियाँ खुद की पहचानिये।कामयाबी मिलेगी यक़ीं जानिये। इक ख़ुदा की इबादत भली जानिये।ख़ाक दर-दर की हरगिज़ नहीं छानिये। ज़िन्दगी में पहल की ज़रूरत…