शुभ हो तमसो मा ज्योतिर्मय

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’जमशेदपुर (झारखण्ड)******************************************* रोशनी से जिंदगी.... करे धरा आलोकित रोशनी,जग की सुंदरता करे विस्मितमनु रोशनी से है जीवन सदा,अनेक रूपों मे रहती रोशनी। तमसो मा ज्योतिर्मय दिवाली,पंचतत्व निर्मित…

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रोशनी कर दें वहाँ

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** रोशनी से जिंदगी... रोशनी कर दें वहाँ,छाया है जहाँ परअंधेरा सदियों से,राह की तलाश में,भटकते हैं रात-दिनमिलता नहीं राही को,कोई भी माकूल रास्तारोशनी की थोड़ी-सी,जगमगाहट उन्हें भी दे…

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तम हटेगा, मन जुड़ेगा

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** दीपावली विशेष... मन मुस्काएँ,मिटाना मन मैल-दीप जलाएँ। दीप बहार,चलो, रंग दिवाली-खुशी त्योहार। घर रोशन,हर चमके कोना-रंग-रोगन। पावन दिन,रहे सब खुशियाँ-लालच बिन। लक्ष्मी प्रवेश-शुभ करें पूजन-चहके देश। ज्योति…

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दुनिया को रोशन करते हैं

डाॅ. पूनम अरोराऊधम सिंह नगर(उत्तराखण्ड)************************************* रोशनी से जिंदगी.... चलो अपना जीवन सहज करते हैं,दिल की दुनिया को रोशन करते हैं। इक दीया तू जला इक मैं जलाऊँ,समस्त दुनिया को गुलज़ार…

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विवेक ‘बादल बाजपुरी’ को मिला ‘शब्द साधक’ सम्मान

राजस्थान। 'बुलन्दी' संस्था के संस्थापक विवेक 'बादल बाजपुरी' को गोविंद बल्लभ कृषि एवं प्रौ. विश्वविद्यालय द्वारा ११२ वें किसान मेले के अंतर्गत अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में हिंदी साहित्य को…

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दीपक

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)************************************** दर्द घनेरा,ऊपर ज्योति पुंज-तल अंधेरा। तम नाशक,भू योद्धा प्रथम हूँ-मैं दीपक हूँ। माटी में बाती,तेल सिंधु तैरती-आलोक वती। रोली रंगोली,शुभ आगम पर्व-दीए की बोली। मन हो चंगा,एकमेव…

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खिल उठी जिंदगी

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** रोशनी से जिंदगी… खिल उठी रोशनी से जिंदगी,अब मुझे कोई ग़म नहीं हैगिरा दे लक्ष्य से जो कोई,ये किसी में अब दम नहीं है। बढ़ गया आत्मविश्वास…

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प्रति-दिवस-दीपावली

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’बूंदी (राजस्थान)************************************************** रोशनी से जिंदगी… एक-एक कई दीप जलाकर,दीपावली हमने मनाईअगणित दीप हृदय में जल गए,खुशियाँ मन में हर्षाई। मन-आँगन कई दीप जले थे,अंधियारा ठहर न…

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दीप पर्व

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* रोशनी से ज़िन्दगी.... दीप दिप-दिप है दमकता, खुश हुआ व्यवहार है।भाव की माला पिरोकर, द्वार पर त्योहार है॥ काल मंगलमय-सुहाना,अल्पनाएँ हैं सजीं।रोशनी देती दुआएँ,सरगमें लय में…

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मनचली है रोशनी

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ रोशनी से ज़िंदगी.... रोशनी से ज़िंदगी है, ज़िंदगी है रोशनी,कब सुला दे कब जगा दे, मनचली है रोशनी।एक दीपक आस का है टिमटिमाता रात-दिन,कब बुझे इसका पता क्या,…

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