विरहाकुल गोपियाँ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* घन श्याम अजिर में बरस रहे, सखि री! घनश्याम नहीं आए।अम्बर में शम्बर गरज रहे, चपला चमके जी घबराए॥ दूरी को सहना है मुश्किल,खो गए कहाँ…

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ख्वाब हैं हम लोग

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* सुब्ह का आफ़ताब हैं हम लोग।जागते दिन का ख्वाब हैं हम लोग। हर जगह रास्ता बना लेंगे,तेज़ रफ़्तार आब है हम लोग। ठेस दिल…

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उठा तिरंगा हाथ वतन

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** हम नौनिहाल भारत के बच्चे,मनाऍं आजादी पर्व यहाँ।थाम तिरंगा शान देश का,घर-घर लहराऍं सकल जहाँ॥ लहराया तिरंगा ध्वजा नभ,केसर हरित धवल राष्ट्र यहाँ।राष्ट्र गान…

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चमकेगा किस्मत का तारा

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** सोया हुआ विश्वास एक दिन,देखना सीना तान उठेगादबा हुआ किस्मत का तारा,एक दिन खुलेआम चमकेगा। भारत माता के वीर सपूतों ने,आज ये संकल्प किया हैआँच न आने…

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करना रक्षा, रखना गर्व

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** रक्षाबंधन,अटूट मन रिश्ता-बनाए रखो। भाई-बहन,प्रेम सदा नि:स्वार्थ-मत छोड़िए। डोरी सनेहनहीं केवल धागा-पर्व पावन। रोली-चावल,रिश्ता है लुभावना-डोरी-चंदन। करना रक्षा,रखना सदा स्नेह-नहीं है स्वार्थ। रखना गर्व,निभाना सदा रिश्ता-मनाएं पर्व॥

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कोरी गीदड़ भभकियाँ देने का उस्ताद चीन

डॉ.वेदप्रताप वैदिकगुड़गांव (दिल्ली) ******************************************* अमेरिकी कांग्रेस (निम्न सदन) की अध्यक्षा नैन्सी पेलोसी की ताइवान-यात्रा पर सारी दुनिया का ध्यान केंद्रित हो गया था। न तो ताइवान कोई महाशक्ति है, न ही…

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मिलना भूल गई

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** उहापोह में बैठी हूँ मैं, क्या लिखना है भूल गयी।ऐसे डूब गई भावों में, सबसे मिलना भूल गयी॥ प्यार किया था कभी किसी से वो पल…

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नश्वर काया

श्रीमती देवंती देवीधनबाद (झारखंड)******************************************* गुमान नहीं करना बन्धु, ये तन माटी की नश्वर काया है,धर्म से आगे चलती माया, सबको जाल में फंसाया है। धर्म,सत्य पथ पर अडिग खड़ा है,…

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बरखा आई

जबरा राम कंडाराजालौर (राजस्थान)**************************** बरखा आई, बरखा आई,सबके ही मन को भाई। उमड़-घुमड़ बादल छाए,नीलगगन में गर्जन गाएठंडी-ठंडी हवा सुहाई,बरखा आई, बरखा आई। खुश बच्चे लगते सारे,उछल-कूद करते प्यारे।बड़े-बूढ़े मन…

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राष्ट्रीयता की नब्ज के सच्चे पारखी ‘काका कालेलकर’

प्रो. अमरनाथकलकत्ता (पश्चिम बंगाल )**************************** हिन्दी योद्धा:पुण्यतिथि विशेष...... गाँधी जी की प्रेरणा से अपने जीवन को हिन्दी की सेवा और उसके प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित कर देने वालों में काका…

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