सृजन में ही हर सुख

डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** नशे के रूप अनेक हैं पर,मनुज कौन-सा अपनाता हैएक ले जाता पतन की राह,दूजा जीवन सुलभ बनाता है। उससे पूछो नशा सृजन का,जिसने सृजन को शौक बनायाडूबा…

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अग्निवीर या अंग्रेजीवीर ?

डॉ. एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’मुम्बई(महाराष्ट्र)********************************************** पिछले दिनों सेना में जवानों की भर्ती संबंधी भारत सरकार की 'अग्निवीर' योजना पर खासा बवाल हुआ। अधिकांश विपक्षी दलों ने इसका जमकर विरोध किया और…

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बारिश होती है वैसे अभी भी

अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** काली घटा छा जाती है जब-जब,मनमोर चाहे नाचे, भीग जाए अबउत्साहित है मन अभी भी, लेकिनहताश, असहाय हो गया है तन।बारिश होती है वैसे अभी भी,रोम-रोम भीग जावे…

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तुम तो हो परदेस पिया जी…

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** सूने महल अटारी सूनी, मन का आँगन सूना है।तुम तो हो परदेस पिया जी, मेरा सावन सूना है॥ जबसे तुम परदेस सिधारे, मन को चैन नहीं…

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हम जैसा

संजय एम. वासनिकमुम्बई (महाराष्ट्र)************************************* चराग़ बुझा दो सारे के सारे..यादों की रौशनी ही काफ़ी है,तेरा यूँ मुझमें समा जानामेरी रूह के लिए काफी है…। फिर वही मंजर, वही अंधेरा,आसमां में…

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शिखर

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान)********************************************* चढ़ता उन्नति का शिखर, भारत देश महान।दुनिया करती है नमन, ऊंची इसकी शान॥ऊंची इसकी शान, वीर करते रखवाली।धरती स्वर्ग समान, छटा है बड़ी निराली॥इस पर लेता जन्म,…

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गुरु युगबोध

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* चमन जैसा,शिथिल कैसा,दूर पैसा,नव काम।गुरु सुहाये,ख़ूब भाये,जग जगाये,है धाम॥दोष मारे,गुण बुहारेे,दे सहारे,नव ज्ञान।है सुधा-सा,नित सधा-सा,जयघोष है,प्रतिमान॥ गुरु है फूल,हारे शूल,वह तो ईश,प्रवहमान।रच दे नया,नहिं बद…

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सृजन का नशा निराला

डॉ.अशोकपटना(बिहार)*********************************** सृजन नव सृजन कहलाता है,इसका नशा निराला हैप्रगति पथ पर आगे बढ़ने का,शीर्ष पर पहुंचने कायह सृजन सुन्दर सुसंस्कृत,सदैव लगता मतवाला है। सृजन बढ़ाता है प्यार,इस प्यार से होती…

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पानी में जहरीले रसायन मिलना चिंताजनक

डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)***************************************************** 'जगत' संरचना में पंच महाभूत से बना है -पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश। इस समय पंच महाभूत दूषित हो रहे हैं। पृथ्वी पर दिन-रात उत्खनन, जंगलों की…

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समाज से जुड़े तथ्यों को दर्शाती है ‘बाहर कुछ भीतर कुछ’-डॉ. दवे

लोकार्पण... इंदौर (मप्र)। पुस्तक में हर विधा है। निबंध, ललित निबंध, लेख, शायरी, व्यंग्य सब विधाओं के सामंजस्य से बनी यह पुस्तक समाज से जुड़े तथ्यों को दर्शाती है।यह बात…

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