जिंदगी के अहम हिस्से…

दृष्टि भानुशालीनवी मुंबई(महाराष्ट्र) **************************************************************** इस हयात को हसीन बनाने के लिए,ईश्वर ने बनाए हैं कुछ ऐसे रिश्तेउनका होना,किसी इनायत से कम नहीं,जो बन जाते हैं जिंदगी के अहम हिस्से…l शुरुआत करते…

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सच्चा शिक्षक वह कहलाए

दृष्टि भानुशालीनवी मुंबई(महाराष्ट्र) **************************************************************** शिक्षक दिवस विशेष……….. यह खूबसूरत जीवन देने वाले,माता-पिता हैं हमारे जीवन दाता।जो जिंदगी की खूबसूरती से वाकिफ कराए,वही एक सच्चा शिक्षक कहलाता। यह जीवन है एक कोरे…

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यह ‘स्वतंत्रता दिवस’ कहलाता

दृष्टि भानुशालीनवी मुंबई(महाराष्ट्र) **************************************************************** स्वतंत्रता दिवस विशेष …….. हमारी धड़कती साँसें आज हैं केवल उनके कारण,सीना ठोक कर जिन्होंने किए थे बंद अपने नयन। १५ अगस्त को हर साल यह दिन…

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जन्मदिन

दृष्टि भानुशालीनवी मुंबई(महाराष्ट्र) **************************************************************** है यह एक ऐसा दिन,अधूरी थी एक जननी तुम्हारे बिन।तुम्हारे पहली बार रोने पर वह मुस्काई,पूरे संसार की खुशियां थी उसने पाई। जीवन में पहली बार तुम्हारे…

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देखने का नजरिया…

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** यह जिंदगी बड़ी ही अनोखी है जनाब, बस उसे देखने का नजरिया यदि सही हो तो छोटी-छोटी बातों में भी खुशियाँ ढूँढ कर, इसे बेहतरीन…

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सबके बस की बात नहीं!

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** आईए बताऊं आपको मेरी एक कहानी, जल्दी उठकर देखा तो सुबह थी सुहानी। सहसा खयाल आया,'आज लिखता हूँ एक कविता', दरवाजे पर देखा तो आ…

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देखने दे मुझे रंगीन दुनिया माँ..

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** देखने दे मुझे यह रंगीन दुनिया माँ, यह नीला गगन,हरे पेड़ और रंगीन फूलों का जहाँ। मेरे आने की खबर सुन, तू खुशी से झूम…

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बस रखो थोड़ी हिम्मत

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** जिंदगी की रेल सहसा थम-सी गई है, लोगों की हयात जैसे बिखर-सी गई है। जिस असुर ने हमारी खुशियों को छीन लिया, ना जाने कम्बख्त…

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चाय की चुस्की

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** सुबह-सवेरे उठकर देखा सूरज दादा बुला रहे हैं, "आँखें खोलकर देख तू बेटा पतीले में तेरे शून्य ब्रह्माण्ड हैl" आदत से मजबूर हूँ भइया यदि…

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तुम हो तो…

दृष्टि भानुशाली नवी मुंबई(महाराष्ट्र)  **************************************************************** हँसाने हेतु तुम हो इसलिए हँसना चाहती हूँ, अश्रु पोंछने हेतु तुम हो तो रोना चाहती हूँ। सुनने के लिए तुम हो तो अल्फाज़ों के…

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