अब केवल शत्रु ही शत्रु रोएंगे
शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** कभी इस सीमा कभी उस सीमा सैनिक कब तक खोएंगे, रोना था शत्रुपक्ष को पर हमारे घर-आँगन आँसू क्यों बोएंगे। हम सदा से पौरुषशाली,पराक्रम से विजय…