खिलना फूलों-सा
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** खिलना फूलों-सा यहाँ,महके सदा बहार। होंठों पर मुस्कान हो,मिले सभी का प्यार॥ मिले सभी का प्यार,लगे जन-जन को प्यारा। सुन्दर हो व्यवहार,तुझे पूजे…
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February 2, 2020