हरे-भरे पेड़
पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** बैठे-बैठे मन कहीं खो गया, कड़ी धूप में आज रो दिया... दूर दूर तक हाय पेड़ नहीं, ना हवा ठंडी है,ना छाया कहीं। रूक जाओ अब…
पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** बैठे-बैठे मन कहीं खो गया, कड़ी धूप में आज रो दिया... दूर दूर तक हाय पेड़ नहीं, ना हवा ठंडी है,ना छाया कहीं। रूक जाओ अब…
सुदामा दुबे सीहोर(मध्यप्रदेश) ******************************************* मेरे मेघ सजन मेरे घर आजा रे, मतवारे से सजन मेरे घर आजा रेl ....मेरे मेघ सजन मेरे...ll राह निहारूँ मैं कब से तेरी, धीरज आ…
पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** बरसों ना तुम ऐ बादल, ना तरसाओ भीगे तन-मन छिटकें मोती के दाने, सज जाये घर का आँगनl बरसो ना... बाट निहारे धरती प्यासी, झुलसा रही…
डॉ.प्रो.पुष्पेन्द्र दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************************** शिक्षा नीति २०१९ के प्रारुप पर भाषा को लेकर बवाल.......... आज के जमाने में भाषाएँ भारत को तोड़ने का काम करेंगी। हरेक प्रान्त और हरेक व्यक्ति…
पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** हवाओं की रवानगी थी, मेरी रफ़्तार भी कुछ तेज थी मौसम खराब का अंदेशा था, थोड़ा मन डरा हुआ था। हर कदम पर कोई पीछा कर…
हिन्दीभाषा.कॉम मंच के रचनाकार साथी सुश्री नमिता दुबे जी का ९ जून को शुभ जन्मदिन है..इस पटल के माध्यम से आप उनको शुभकामनाएं दे सकते हैं…..
सुश्री नमिता दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** पर्यावरण दिवस विशेष..... स्वर्ग कामोयज्ञेत-अर्थात स्वर्ग की कामना से यज्ञ करो। प्रकृति ओर मानव का सृष्टि के आरंभ से ही अन्योन्यश्रित संबंध रहा है। हमारी…
पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** बच्चों की गर्मी की छुट्टियां और उनकी मस्तियां,हमारे घर के सामने बहुत बड़ा खुला मैदान है।बच्चे वहीं मिलकर क्रिकेट खेलते हैं। अभी राजू निकला ही था…
सुश्री नमिता दुबे इंदौर(मध्यप्रदेश) ******************************************************** एक समय था जब ग्रीष्म अवकाश में हम अपने नाना-नानी या किसी हिल स्टेशन या कहीं और घूमने का कार्यक्रम बनाकर चले जाते थे, ऐसा…
पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़) ****************************************************************************** जिंदगी का सफर गलियों के बिना अधूरा-सा रहता है, हमारे बचपन के दिनों से लेकर आज इस उम्र तक उन गलियों तक... कहीं भी जाएं,कहीं रहे…