कल तेरी बाँह

गीता विश्वकर्मा 'नेह' कोरबा (छत्तीसगढ़)*************************** काव्य संग्रह हम और तुम से.... कल तेरी बाँह का संबल नहीं होने वाला,और मुझ पर तेरा आँचल नहीं होने वाला। इश्क आँखों में लिए…

0 Comments

पतंगें

गीता गुप्ता ‘मन’उन्नाव (बिहार)******************************************************************* खुले आसमान मेंउड़ रही हैं पतंगें,लहराते हुए इधर-उधरले रही हैं खुली हवा में साँसेंlललक है उनमेंऊंचाइयों को छूने की,हवा से कदम ताल करने कीस्वच्छंद होसिर उठाकर,देख…

0 Comments

वरदान हैं वृक्ष

गीता गुप्ता ‘मन’ उन्नाव (बिहार) ************************************************************************************* प्रकृति का उपहार हैं वृक्ष, वसुधा का श्रृंगार हैं वृक्ष। प्राण वायु उत्सर्जन करके, नित करते उपकार हैं वृक्ष॥ भूमि का सम्मान हैं वृक्ष,…

0 Comments

पवनसुत लौट आया

गीता गुप्ता ‘मन’ उन्नाव (बिहार) ************************************************************************************* कहानी शौर्य की लिखकर के दुश्मन को झुकाया है, बधाई देश को सारे,पवनसुत लौट आया है। पराक्रम का नया सन्देश लेकर लौट आया अब,…

0 Comments