मानव सेवा से सुलभ हो पुण्य

सुजीत जायसवाल ‘जीत’कौशाम्बी-प्रयागराज (उत्तरप्रदेश)******************************************* मैं हूँ कपड़ों का व्यापारी,व्यापार ही मेरा अब कर्म,हर ग्राहक को समझूं देवतुल्य निज तेवर रखूं नर्मतब क्या खाएगा वो घोड़ा जिसे प्रेम हो घास के…

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मन के हारे हार,मन के जीते जीत

इलाश्री जायसवाल नोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* बात उन दिनों की है,जब मैंने उच्च शिक्षा के लिए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। मैं बहुत खुश थी,क्योंकि विश्वविद्यालय में पढ़ने का सपना पूरा हो…

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