गुरू महान…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ शिक्षक दिवस विशेष.......... कोटि वंदन- गुरू चरण रज, माथ चंदनl गुरू महान- ब्रम्हा विष्णु महेश, करते ध्यानl कर सम्मान- गुरू के आशीष से,…

0 Comments

आएं गजानंद

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *************************************************************** सुख करता दुःख हर्ता आएं गजानंद, मंगलमूर्ति मंगल कर्ता आएं गजानंद। लम्बोदर,एकदंत,विघ्नहर्ता आएं गजानंद, मूषक सवार होकर रिद्धि-सिद्धि साथ लेकर आएं गजानंद। खुशियां अपार…

0 Comments

चमत्कार है तो नमस्कार है…

तारकेश कुमार ओझा खड़गपुर(प. बंगाल ) ********************************************************** डयूटी के दौरान लोगों के प्रिय-अप्रिय सवालों से सामना तो अमूमन रोज ही होता है,लेकिन उस रोज आंदोलन पर बैठे हताश-निराश लोगों ने…

0 Comments

अध्यापक,शिक्षक और गुरु

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** प्रायः अध्यापकों को यह शिकायत करते हुए सुनता हूँ कि छात्रों का उनके प्रति प्राचीन काल की भाँति सम्मान का भाव नहीं रहा। छात्र…

0 Comments

मैं शिक्षक निर्माणक हूँ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** शिक्षक दिवस विशेष ............ शिक्षण हेतु बना मैं शिक्षक, नीति-रीति पथ परिपोषित विनयशील हो त्याग समन्वित नवयुग का नव वीक्षक हूँ। नवजातों व…

0 Comments

सूना रहता सारा थल

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* कितने वृक्ष लगाये जाते हैं प्रतिपल, फिर भी हरियाली को रहती है हलचल। फाइलों में वृक्षों के आँकड़े बढ़ते जाते- फिर भी वृक्षों से सुना…

0 Comments

लोकतंत्र भी बीमार हो गया

डॉ.रामकुमार चतुर्वेदी सिवनी(मध्यप्रदेश) ****************************************************** आज लोकतंत्र भी बीमार हो गया यहाँ। देशद्रोह रक्तचाप यार हो गया यहाँll वोट मंत्र भेदभाव की धुनी रमा रहे। जात-पात संक्रमण बुखार हो गया यहाँll…

0 Comments

बढ़ना ही होगा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** कहाँ भागते हो नज़र यूँ बचाकर समय की तुला पर तो चढ़ना ही होगा, लगे हों जो हर ओर शीशे ही शीशे हकीकत को अपने…

0 Comments

दीपक ज्यों जल कर कहे….

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** आजादी के हो गए,आज बहत्तर साल। लेकिन अपना देश है,अभी तलक बदहाल॥ अभी तलक बदहाल,करोड़ों भूखे नंगे। नेता अपने धन्य,कराते रहते दंगे॥ सुरसा मुँह…

0 Comments

क्या से क्या हो गए लोग..

विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *************************************************************** बड़े मतलबी और मगरुर हो गए हैं लोग, दौलत के नशे में चूर हो गए हैं लोग। साथ मनाते थे जो हर तीज और…

0 Comments