जीवन सफल बनाएगा

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** नारी का मुश्किल जीवन नर का सामर्थ्य बढ़ाएगा, सहनशक्ति की सबल मूर्ति से कौन भला टकराएगा। कभी सफलता को पाकर मदहोश नहीं होना यारों, लाख…

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अर्ध नारीश्वर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** तू नारी हम पुरुष, तू जीवन हम रूह तू जननी हम सर्जक, तू नव किसलय हम तरु तू श्रद्धा हम साधक, तू लज्जा…

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लोकसभा चुनाव:सभी दलों और उम्मीदवारों के नाम मतदाताओं की अपील

निर्मलकुमार पाटोदी इन्दौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************** भारत,भारतीय भाषाओं और भारतीयता के लिए मंथन का आव्हान भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्रीय राष्ट्र है। देश के ९० करोड़ मतदाता ११ अप्रैल से १९…

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लोकतन्त्र मजबूत करें

अवधेश कुमार ‘अवध’ मेघालय ******************************************************************** छोड़ पुराने राग-द्वेष को,समुचित सत्य सबूत करें। ऐसा ना हो स्वयं मरें औ मानवता ताबूत करें। पाँच वर्ष के बाद पुन: यह वक्त सुनहरा आया…

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अडिग हिमालय

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* अडिग हिमालय लिये शिवालय, करता सबका आवाहन। त्याग करो प्रमाद द्वेष का, करो प्रकृति आराधन। नंदा देवी पंचाचूली, जीवन को हर्षित करती। नैना देवी आशीष…

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मैं गम लिखता हूँ

उज्जवल कुमार सिंह ‘उजाला’ नजफगढ़(नई दिल्ली) ****************************************************************** कलम की नोक से कागज की कोख पर, कहानियाँ जवानी की मजबूरियाँ दीवानी की, मन के गुबार को हरदम लिखता हूँ कागज को…

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जवां हो प्यार नित अपना

अवधेश कुमार ‘आशुतोष’ खगड़िया (बिहार) **************************************************************************** चलो खेलो पिया होली,बना लो रंग पानी का, लगा दो रंग गालों पर,मजा ले लो जवानी काl महक फैली हुई चहुँदिस,यहाँ मधुमास का देखो,…

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तू है ना

देवेन्द्र कुमार शर्मा 'युगप्रीत' अजमेर(राजस्थान) ************************************************************************ सवाल कैसा भी हो,हल हो ही जाता है, तू है ना तो सब हो ही जाता है। इतना भी नही अदीब मैं,कि सब जान…

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सागर

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** मैं सागर हूँ महार्णव अति गह्वरित, धरा के आँचल में समेटे स्वयं को या यों समझ माँ की आबरू को ढँक तीनों दिशा…

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भारत का चौकीदार

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** मैं हूँ भारत का चौकीदार दिन-रात रहता हूँ पहरेदार, घुसपैठ नहीं होने दूँगा दुश्मन को मैं ठोक दूँगा। परिंदों को पंख काटकर आकाश में मैं छोड़…

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