आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ****************************************** ‘मैं और मेरा देश’ स्पर्धा विशेष…….. हम स्वतंत्रता दिवस मनाएं,आओ शान से तिरंगा फहराएं। आजादी के हवन कुंड मेंजिन्होंने शीश चढ़ाया है,अपना तन-मन-धन देकरहमें आज़ाद कराया है।यशगान…

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क़ुदरत के करिश्मे

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ****************************************** बिन आधार,खड़ी है धरतीबिन खम्बे आकाश,समझा कोई न आज तकपंडित-ज्ञानी-ध्यानी,क़ुदरत के करिश्मे परकैसे न हो हैरानी ? फूलों पर मंडराती फिरतीरंग-बिरंगी तितली,बादल छाए आसमान मेंऔर चमकती बिजली,कहाँ…

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समय चक्र

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ****************************************** शाम को वो ढल जाता है…जो सूरज सुबह निकलता है,चक्र समय का चलता है। सुख की छाँव में बैठा इंसां…कभी दुःखों में जलता है,चक्र समय का चलता…

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उम्मीदों का साथ न छोड़ो

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* आज निराशा ने है घेरा,कल रस्ता मिल जाएगाईश्वर से तुम नाता जोड़ो,उम्मीदों का साथ न छोड़ो…। संकीर्णता के जाल से निकलो,खुला आसमाँ बुला रहा हैअपनी हद की…

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अखंड भारत

दिनेश कुमार प्रजापत ‘तूफानी’दौसा(राजस्थान)***************************************** यह हिंद है बगीचा ऐसा,जहां फूल सब खिलते हैं,हिंदू मुस्लिम जैन ईसाई,आपस में जब मिलते हैं। ना हिंदू की गीता बुरी है,ना ही मुस्लिम का कुरान,राजनीति…

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होली में रंग

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* आओ खेलें होली में रंग,होली के रंग गोरी के संग। भीगा-भीगा मौसम आयारंग-रंगीली बौछारें लाया,भीगा गोरी का अंग-अंगआओ खेलें होली में रंग…होली के रंग गोरी के संग।…

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होली जल गई

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* फागुन संग-जीवन रंग (होली) स्पर्धा विशेष… होली से पहले ही,होली जल गई। किसी का समान जलातो किसी की दुकान,किसी का मकान तोकिसी की खोली जल गई।होली से…

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पापा की बेटी

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* कल की सी बात,मेरे अंगनाउतरी थी,जब आसमाँ सेएक नन्हीं-सी परी।चाँद से उजलामुखड़ा उसका,किरणों-सी मुस्कान,मेरी प्यारीबिटिया रानी,थी पापा की जान।आँखों में,छलकता उसकेनिश्छल पावन प्यार,जीवन में वोमेरे लाई,खुशियों का…

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नारी तू नारायणी

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* माँ-बहन-बेटी तूतेरे रूप अनेक,जग कल्याणी माँ नेधरे स्वरूप अनेक,दुर्गा बनीकभी कामायनी,नारी तू नारायणी। राधा कृष्ण कीसखी बन आई,सीता ने कुललाज निभाई,दयावान तूभव तारिणी,नारी तू नारायणी। धीरज तुझमेंधरती…

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वही बनता फूलों का हार

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ******************************************* फूलों की रखवाली करते,काँटे बनकर पहरेदार।सहता चुभन जो काँटों की,बनता वही फूलों का हार॥ चलता जो काँटों पर राहीउसी ने अपनी मंजिल पाई,होता उसका बेड़ा भव पार।सहता…

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