एक दिन धरा पर..

गंगाप्रसाद पांडे ‘भावुक’ भंगवा(उत्तरप्रदेश) **************************************************************** ये चुभती धूप, ये चिलचिलाती गर्मी वस्तुतः ऋतु परिवर्तन के कारण ही है, परंतु इसकी अति, व असामयिक गति के कारक हम स्वयं हैं, प्रकृति…

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सिर्फ एक दिन…? ?

गंगाप्रसाद पांडे ‘भावुक’ भंगवा(उत्तरप्रदेश) **************************************************************** सिर्फ आज का दिन मित्रता के नाम, कल से फिर वही शत्रुता का काम, जैसे सिर्फ महिला दिवस पर महिला सम्मान, बकाया दिन महिला अपमान,…

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लोकतंत्र में मतदाता की भूमिका

शम्भूप्रसाद भट्ट `स्नेहिल’ पौड़ी(उत्तराखंड) ************************************************************** कहते हैं कि "लोकतंत्रीय शासन व्यवस्था अंतर्गत मतदाता देश का भाग्य विधाता होता है।" मतदाता के मत की शक्ति का आंकलन तब अत्यंत महत्वपूर्ण हो…

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चुनावों में युवाओं की महती भूमिका

शम्भूप्रसाद भट्ट `स्नेहिल’ पौड़ी(उत्तराखंड) ************************************************************** युवा देश का स्वर्णिम भविष्य होता है। सबसे बड़ी प्रसन्नता इस बात की है कि हाल में लिए गये आंकड़ों के अनुसार भारत विश्वभर में…

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होली है

शम्भूप्रसाद भट्ट `स्नेहिल’ पौड़ी(उत्तराखंड) ************************************************************** फाल्गुन प्यारा आया रे,कि खेलते होली हैं बृज की, क्योंकि बसंत बहार है। बृज की जो होली कृष्ण ने खेली, रास रची लीला सभी गोपी…

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तेरा इंतज़ार

सत्येन्द्र प्रसाद साह’सत्येन्द्र बिहारी’ चंदौली(उत्तर प्रदेश) ***************************************************************************** मैं तुझे प्यार बेशुमार करता हूँ तुम खफा ना हो जाओ इसलिए मैं डरता हूँ। तुझे देखने को तरसे मेरी आँखें, मैं सुबह-शाम…

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नारी का अंतर्मन

रंजन कुमार प्रसाद रोहतास(बिहार) *************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… नारी जीवन की व्यथा हूँ, किसको आज सुनाऊँ मैं अंतर्मन से दुःखी हूँ, कैसे आज बताऊँ मैं। हाय रे,मेरी जीवनी,…

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