अक्स

संध्या बक्शीजयपुर(राजस्थान)******************************** काव्य संग्रह हम और तुम से आज फिर मुझकोअक्स दिखा तुम्हाराफ़लक पर।कि जैसे,श्रृंगार पटल पर,तुमने,चिपका दी हो बिंदियाऔर,कंगन के स्टैण्ड पर,गैर इरादतन,भूल गईंवो सच्चे मोतियों की माला।सुरमई आँखों…

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सबका साथ ही दिलाएगा ‘कोरोना’ से मुक्ति

संध्या चतुर्वेदी ‘काव्य संध्या’अहमदाबाद(गुजरात) ****************************************************************** कोरोना एक विषाणु से फैलने वाली भयंकर बीमारी है। मूलतः सुरक्षा और बचाव से पहले इस के मूल रूप को समझ लेना आवश्यक है। कोविड-१९ विषाणु…

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अब धरती पर आ जाओ

संध्या चतुर्वेदी ‘काव्य संध्या’ अहमदाबाद(गुजरात)  ****************************************************************** आ जाओ अब कृष्ण कन्हाई, फिर धरती पर आ जाओ। तुम्हें बुलाती ब्रज की नारी, अब धरती पर आ जाओ। हुई है बोझल पृथ्वी…

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हे माँ,प्रचंड रूप धर आ जाओ

संध्या चतुर्वेदी ‘काव्य संध्या’ अहमदाबाद(गुजरात)  ****************************************************************** हो रहा अत्याचार मासूमों पर माँ, बिलख रही किलकारी है माँ। ले करके खड्ग और त्रिशूल माँ, दुष्टों के शीश भेंट चढ़ा जाओ। हे…

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नारी कमजोर नहीं

संध्या चतुर्वेदी ‘काव्य संध्या’ अहमदाबाद(गुजरात)  ****************************************************************** आज की नारी इतनी कमजोर नहीं,जो झुक जायेगी, करो चाहे पुरजोर जतन तुम,नहीं वो रुक पायेगी। दिल की सुंदरता कब भला,तेजाब से खत्म हो…

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