कोई किसी का नहीं

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** कौन किसका होता है,इस बनावटी जमाने मेंजहाँ हर कोई नाटक,करता है समयानुसारऔर बदल जाते हैं तब,जब उसे फायदा होता हैऔर भूल जाते हैं सब,तुम्हारे सारे उपकार को।…

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विदा करें यह साल

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************************** देखो एक कय़ामत सरीखा,गुजरा यही साल है,हर एक आदमी किस कदर,यूँ बैचैन बेहाल है। मानो हर खुशी रूठ कर हमसे,छोड कर भी गई,अब यह जिंद़गी लग…

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इस बार मैं भी

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************************** इन्हें दे दूँ आकार में भी,गगन में उड़ करूँ इज़हार मैं भी। कई सपने दफन मेरे कभी से,वही तो अब करूँ साकार मैं भी। किसी की…

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हँसता हुआ चेहरा

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** फूल खिलकर भी उदास है,समुद्र को आज भी पानी की प्यास हैएक बार तो आप मुस्कुरा दो-जिंदगी को हँसी की तलाश है। दिखता नहीं हँसता हुआ चेहरा,तो…

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रिश्तों का सिलसिला

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** दिल से हमें याद कीजिए,हम आपके साथ खड़े हैंजुबां से नाम लीजिए,एक बार तो आजमाइए।बंदे का सच सामने दिखेगा,और रिश्तों को जुड़ने का भी,सिलसिला दिखने लगेगाहम सामने…

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बदलते मौसम

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************************** बदलते मौसम की निराली रीत है,गर्मी के बाद बरसात फिर शीत है।बदलते मौसम की निराली रीत है… आना-जाना नियम यही बतलाए,पतझड़ के बाद तो बहार ही…

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करो अंधकार को दूर

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** दीपावली पर्व स्पर्धा विशेष..... दीप जलाओ तुम सब,करो अंधकार को दूर।रोशनी कर लो मन में,इस दीपाली परl घर का कचरा साफ करो,मन को करो तुम शुध्द।जग-मग कर…

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खनकती चूड़ियाँ तेरी

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** खनकती चूड़ियाँ तेरी,मुझे क्यों बुलाती हैपायल की खनक,भी हमें बुलाती है।हँसती हो जब तुम,तो दिल खिल जाता है।और मोहब्बत करने को,मन बहुत ललचाता है॥ कमर की करधौनी,भी…

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इसलिए,रावण-कंस को डर नहीं लगता

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** राम थे महान इसलिए,लोग करते हैं उनका गुण-गानराम थे मर्यादा पुरूषोत्तम,इसलिए शक्तिशाली थे।राम थे विष्णु के अवतार,इसलिए पृथ्वीवासियों केदु:ख हरने आए थे,राम की बात सब करते हैंपर…

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क्योंकि मोहब्बत तो,एक खिलौना

संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** चले थे साथ मिलकर,किसी मंजिल की तरफबीच में ही साथ छोड़ कर,निकल लिए और के साथ।अब किस पर यकीन करें,इस जमाने में साथ के लिएहर तरफ स्वार्थ…

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