परीमाला के सपने

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*********************************************************************** आज रविवार का दिन है और दिन के ११ बज रहे हैं। मैं गिन्नी के वीडियो कॉल का इंतजार कर रही हूँ। गिन्नी मेरी लड़की, जिसका नाम…

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कर खुद पर भरोसा

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** जिंदगी अगर खुद को चुनती,फिर वो मौत का फंदा ना बुनती।जिंदगी अगर खुद को चुनती… दूसरों पर रखी,उम्मीद जब है थमती,खुद को हार कर,जिंदगी की आस…

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जिम्मेदार बचपन

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** मुश्किलें देख कर के मेरी,बच्चे सब समझदार हो गयेउम्र थी खेलने की,अभीये मगर जिम्मेदार हो गये। गुड्डे-गुड़ियों की दुनिया नहीं,किस्से परियों के भी अब…

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दीपक जलाओ

डॉ. गायत्री शर्मा'प्रीत'कोरबा(छत्तीसगढ़)******************************************** (टैग-रचना शिल्प:२१२२ २१२२ २१२२ २१२२) छा रहा घनघोर तम दीपक जलाओ,हो गए भयभीत हम दीपक जलाओ। नेह का दीपक जलाते जगमगाते,प्रीत की हम रीत सीखे रोज गाते।भेद…

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सार्थकता

राजबाला शर्मा ‘दीप’अजमेर(राजस्थान)*********************************************************************** "इन्सान भी क्या खूब है ? दिन-रात तो ढेर सारे पाप करता है और सुबह गंगा में एक डुबकी लगाकर सारे पाप धो लेता है तथा पुण्य…

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नेह प्यासे आज पनघट

बाबूलाल शर्मासिकंदरा(राजस्थान)************************************************* (रचना शिल्प:मापनी-२१२२ २१२२, २१२२ २१२२) घाट तीरथ सभ्यताएँ,स्वाति सम तरसे किनारे,चंद्र रवि शशि मेघ नीरस,ताकते नभ से सितारे।खींच तन से रक्त भू का,क्यूँ उलीचा तोय मानुष,खेत प्यासे पेड़…

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विकास ही नज़र आएगा

प्रीति शर्मा `असीम`नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)****************************************************************** फिर भी देशवासियों,किसे क्या…नजर आएगाविकास ही नज़र आएगा। आज़ादी के मूल्यों का,देश क्या-क्या मूल्य चुकाएगा।अब तक देश ही जानता है,राजनीतिक दलों द्वाराकितना घसीटा जाएगा।फिर भी देशवासियों,विकास…

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स्वप्न करें साकार

निर्मल कुमार शर्मा  ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** स्वप्न रहेंगे स्वप्न,अगरतुम देख इन्हें ना जागोगे,प्रस्तर तभी बनेंगे मूरतजब तुम इन्हें तराशोगे। पावन ध्येय,लगन हो सच्चीहर बाधा मिट जाती है,मिल जाती है दिशा…

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मैं और हम

उषा शर्मा ‘मन’जयपुर (राजस्थान)**************************************************** 'मैं' और 'हम' में बस इतना फर्क है,मैं अहम् को अपनाता है औहम अहम् को धिक्कारता है। मैं और हम में बस इतना फर्क है,मैं अपनेपन…

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हल्दी घाटी

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* ‘महाराणा प्रताप और शौर्य’ स्पर्धा विशेष………. सदी सोल्हवीं मुगल काल में, अकबर का भारत पर राज। झुके बहुत राजे रजवाड़े, माना मुगल राज सरताजll आन मान…

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