भावुक

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* भावे भजनी भावना,भोर भास भगवान! भले भलाई भाग्य भल,भावुक भाव भवान! भावुक भाव भवान,भजूँ भोले भण्डारी! भरे भाव भिनसार,भाष भाषा भ्रमहारी! भय भागे भयभीत,भ्रमित भँवरा भरमावे!…

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विनती

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* विधना विपदा वारि वन,वायु वंश वारीश! वृक्ष वटी वसुधा वचन,विनती वर वागीश! विनती वर वागीश,वरुण वन वन्य विहारी! वृहद विप्लवी विघ्न,विनय वंदन व्यवहारी! वंदउँ विमल विकास,वाद…

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नए वर्ष के नए संकल्प

राजेश पुरोहित झालावाड़(राजस्थान) **************************************************** लो आ गया नूतन वर्ष,दिल से करें सभी दो हज़ार बीस का अभिनन्दन। ठिठुरती ठंड में गरीबों को कम्बल बांटते समाजसेवी नेताओं की सोशल मीडिया पर…

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जिंदगी,खुश हो जाती है…

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ******************************************************************** ‘बड़े दिन की छुट्टी’ स्पर्धा  विशेष……… जिंदगी छुट्टी के नाम से ही, खुश हो जाती है। कितनी छुट्टियां आएंगी आगे, यही सोच के खुशी…

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अनुबंधों के सम्बन्धो में

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* अनुबंधों के सम्बन्धों में,जाने कहाँ सम्बंध खो गये, अपने,अपने नहीं रहे अब,जाने क्यों प्रतिबन्ध हो गये। सुख-दु:ख था जीवन में फिर भी,सुखमय सबको लगता था,…

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कठपुतलियां

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ********************************************************************** कठपुतलियां हैं, जीवन के रंगमंच की। जुड़ी हैं जिन धागों से, जो सभी के धागों को नचाता है। किसी को, वो कठपुतली वाला नजर…

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समर्पण

बाबूलाल शर्मा सिकंदरा(राजस्थान) ************************************************* त्याग समर्पण कीजिए,मातृभूमि हित मान। देश बचे माँ भारती,भली शहादत शान॥ करें समर्पण देशहित,निज के गर्व गुमान। देश आन अरु शान है,हो इसका सम्मान॥ मानव हूँ…

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मैं हिंद की बेटी…हिंदी हूँ

प्रीति शर्मा `असीम` नालागढ़(हिमाचल प्रदेश) ********************************************************************** भारत के, उज्जवल माथे की। मैं ओजस्वी...बिंदी हूँ, मैं हिंद की बेटी...हिंदी हूँl संस्कृत,पाली, प्राकृत,अपभ्रंश की, पीढ़ी-दर-पीढ़ी...सहेली हूँ। मैं जन-जन के , मन को…

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सुसंस्कार ही दहेज

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* घनश्यामदास जी कभी शहर के प्रसिद्ध सेठ होते थे,पर समय के फेर ने सब कुछ ढेर कर दिया। उनका सारा व्यापार डूब चुका था।…

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यह कैसा है परिवर्तन

सुबोध कुमार शर्मा  शेरकोट(उत्तराखण्ड) ********************************************************* यह कैसा है परिवर्तन, यह कैसा जग का नर्तन जहाँ नित नारी मिटती, होता नित नारी मर्दन। कब तक शोर मचायेंगे, क्रूरता कैसे मिटायेंगे कैसे…

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