‘साहित्य` एक कदम शुद्धता की ओर
गोलू सिंह रोहतास(बिहार) ************************************************************** सजग,सचेत,सावधान हूँ मैं, हौंसला,हिम्मत,हिंदुस्तान हूँ मैंl आँचल,घूँघट,परिधान हूँ मैं, कुटिया,झोपड़ी,मकान हूँ मैंl घर,आँगन,बागान हूँ मैं, किलकारी,हँसी,मुस्कान हूँ मैंl धरा,पाताल,आसमान हूँ मैं, संध्या,रात्रि,विहान हूँ मैंl प्रेम,मित्रता,प्राण हूँ…