सरस्वती वंदना

अंकुर सिंहजौनपुर(उत्तर प्रदेश)***************************************** हे विद्यादायिनी! हे हंसवाहिनी,करो अपनी कृपा अपरम्पार।हे ज्ञानदायिनी! हे वीणावादिनी,बुद्धि दे,करो भवसागर से पार॥ हे कमलवसिनी!, हे ब्रह्मापुत्री,तम हर,ज्योति भर दे।हे वसुधा,हे विद्यारूपा,वीणा बजा,ज्ञान प्रबल कर दे॥…

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चुपचाप रह गए तब वो

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************** अपना विवाह मीत,तुझसे रचाऊँगा मैं,बोल उठे रूप मेरा,देख लिया जब वो।अपना लगा दिमाग़,कामना सुनाया एक,देखते ही एकटक,मुझको गजब वो।ऑडी ले आओगे तो चलूंगी मैं लॉन्ग ड्राइव,सुन-सुन…

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सुनो कान्हा…

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** सुनो कान्हा,नहीं चाहती मैं रिहाईतेरे दर से कभी,चाहती हूँ देखनादिन-रैन तुझे ही।माँगती हूँ ठिकाना,चरणों में तेरेचाहती हूँ सुनना,बांसुरी की धुन सदा।अरज छोटी-सी मेरी,सुन लो हे मेरे कान्हाचाहती हूँ…

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शब्दों का खेल

डॉ.सरला सिंह`स्निग्धा`दिल्ली************************************** बाबू जी,माँ का हाथ पकड़ कर बच्चों की तरह रोये जा रहे थे,-'बीनू की माँ मुझको छोड़ कर मत जाना। देखो तुम्हारे बिना मैं जिंदा नहीं रह पाऊँगा।'माँ…

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कुछ बोल न पाए

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* सोना खेतों ने उगला जब,ठीक तरह हम तोल न पाये।माना बेईमान हुए वो,हम भी तो कुछ बोल न पाये॥ खेती का वरदान मिला था,हम धरती के…

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जिंदगी के नए पन्ने

खुशी सिंहमुंबई(महाराष्ट्र) **************************** मैं रुकी नहीं,थम सी गई हूँअपने सपनों से,सहम सी गई हूँ।डर लगता है,आगे बढ़ने सेफिर दो कदमपीछे हटने से।रास्ते के फूल,काँटे बन गए हैंअब हम बच्चे नहीं,बड़े…

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क्या हमें नहीं पता!

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* ये कौन परेशान है,क्या देश का किसान है।क्या हमारी है खता,क्या हमें नहीं पता… ? मजहबी बयार है जी,देश में दरार है जीनाम का किसान है,हाथ…

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पतवार को मत दोष दे

जसवीर सिंह ‘हलधर’देहरादून( उत्तराखंड)********************************* यदि नाव में सुराख है पतवार को मत दोष दे।शोला नहीं तू राख है अंगार को मत दोष दे। यूँ आग से खेले नहीं अब भी…

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जरा याद करो कुर्बानी

विनय कुमार सिंह ‘विनम्र’ चन्दौली(उत्तरप्रदेश)***************************** भयानक मंजरों के दौर से,गुजरा हुआ अपना वतन,जालिमों के जुल्म से,लूटा हुआ है ये चमन। बस शिकस्तों पे शिकस्तों,का धरा पर अवतरण,कुछ शहीदों ने न्यौछावर,कर दी…

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बढ़ता रहे मेरा हिन्दोस्ताँ

सोमा सिंह ‘विशेष’गाजियाबाद(उत्तरप्रदेश)******************************** गणतंत्र दिवस स्पर्धा विशेष………. बढ़ता रहे,बढ़ता रहेमेरा हिन्दोस्ताँ।हसरत है ये,फलक से परेआफताबों-सा चढ़ता रहे,मेरा हिन्दोस्ताँ।गणतंत्र मेरा अभिमान है,मुझ पर तेरा अहसान हैतेरी शान में झुके सर मेरा,मेरे…

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