तू साथ दे

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* ये रूह जिस्म से अब निकलना चाहती है,तू साथ दे बाँहों में पिघलना चाहती है। यूँ तो शिक़ायत नहीं है मुझे जिंदगी से,पर ये आज बस…

6 Comments

सिद्धि और साधना की कुंजी नवरात्रि

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)******************************************************* सर्व मंगल मांगल्ये, शिव सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥प्रत्येक संवत्सर (साल) में चार नवरात्र होते हैं, जिनमें विद्वानों एवं ज्योतिषाचार्यो ने वर्ष में दो बार…

0 Comments

मुस्कुराना मना है

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* दर्द के मुशायरा पर मुस्कुराना मना है,दर्दे-गम में तड़पकर घबरा जाना मना है। इश्क़ के राह में तेरा बच पाना मना है,अजनबी के वार से संभल…

15 Comments

बदल गए…

डॉ.सोना सिंह इंदौर(मध्यप्रदेश)************************************************** जब हम छोटे थे,छोटे थे हाथ हमारे,छोटा-सा था घर,छोटी-सी थी दीवारें।दिवाली पर आने वाली कूची जरूर बड़ी थी,बड़े थे सपने और उससे बड़ी-सी खुशियाँ।जब हम बड़े हो गए,घर…

0 Comments

राष्ट्रपिता

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* महात्मा गांधी जयन्ती विशेष..... संस्कृत भाषा के महात्मासादर नमन पूर्ण आत्मा,मोहनदास करमचंद गांधी था जिनका नामजन्म लिया जिन्होंने २ अक्टूबर १८६९,पोरबन्दर(गुजरात) मेंमाता थी जिनकी पुतलीबाई,करमचंद जी…

4 Comments

आज़ाद परिन्दे

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)******************************************************* नीलिमा विवाह के पश्चात अपनी ससुराल के सारे रीति-रिवाज़ सम्पन्न होने के बाद पहली बार उस शहर में आई,जहाँ उसके पति बैंक अधिकारी थे। अच्छा बड़ा-सा…

1 Comment

नारी-एक अनकही कहानी

शिखा सिंह 'प्रज्ञा'लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* जिस खूबसूरती को आप देख रहे,वो रोज आपके लिए सँवारती है…जिस मुस्कुराहट को आप देख रहे,वो आपके लिए आँसू छुपाती है…।आप कहते हैं-आप जानते हैं उसे,फिर…

4 Comments

पत्थर न होता आदमी

प्रिया सिंहलखनऊ(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* हार कर गर्दिश से चश्मे-तर न होता आदमी,तब समंदर में खरा जौहर न होता आदमी। इल्म होता ग़र उसे इखलास और ईमान का,मज़हबों के नाम पर कट्टर…

0 Comments

हमेशा अपनी भाषा की उन्नति के लिए कार्य करना होगा

सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफ़रदेवास (मध्यप्रदेश)******************************************************* हिंदी दिवस विशेष….. १४ सितम्बर को हमारे देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है। १९४७ में जब भारत अंग्रेजी हुकूमत से आज़ाद हुआ तो,देश के सामने…

0 Comments

हमें जाँ से प्यारा हमारा वतन

प्रिया सिंहलखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************* हमें जाँ से प्यारा हमारा वतन है,इसी पे तो कुरबां मेरा जानों तन है। लहू दे के भारत को जिसने बचाया,निछावर अब उनपे मेरा तन-बदन है। न…

1 Comment