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जगत में नारी बड़ी महान

डॉ.एन.के. सेठी
बांदीकुई (राजस्थान)

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नारी: मर्यादा, बलिदान व हौसले की मूरत…

देवगण करते वहां निवास,
जहाँ नारी का होता मान।
सृष्टा की अद्भुत रचना है,
जगत में नारी बड़ी महान॥

त्याग दया सेवा की मूरत,
ममता उसकी बड़ी निराली।
नारी का हर रूप अनोखा,
करती वह सबकी रखवाली।
फर्ज निभाने को कर देती,
वह अपने सुत का बलिदान॥
सृष्टा की अद्भुत रचना है,
जगत में नारी बड़ी महान…

सबको अमरित पान कराकर,
गरल पान वह खुद कर जाती।
अग्नि परीक्षा देकर भी वह,
अपनों से ही त्यागी जाती।
देश की रक्षा करने हेतु,
दे देती वह अपनी जान॥
सृष्टा की अद्भुत रचना है,
जगत में नारी बड़ी महान…

हाथों में शमशीर उठाकर,
वह रणचंडी बन जाती है।
सत्य की रक्षा करने हेतु,
वह जौहर भी कर जाती है।
नारी सृष्टि की आद्या शक्ति,
करे देव जिसका गुणगान॥
सृष्टा की अद्भुत रचना है,
जगत में नारी बड़ी महान…

नारी अंतरिक्ष में पंहुची,
कभी हिमालय पार कर लिया।
कठिन परिस्थितियों में भी,
जिसने राष्ट्र का नेतृत्व किया।
हर रिश्ते को खूब निभाती,
नारी ने तोड़ी नहीं आन।
सृष्टा की अद्भुत रचना है,
जगत में नारी बड़ी महान…

सीता राधा मीराबाई,
लक्ष्मीबाई पन्ना धाय।
इंदिरा गांधी अरु बछेंद्री,
जग ये पद्मिनी के गुण गाय।
नारी को यूँ कम मत आंको,
करो सदैव उसका सम्मान॥
सृष्टा की अद्भुत रचना है,
जगत में नारी बड़ी महान…॥

परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा) डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ जुलाई को बड़ियाल कलां,जिला दौसा (राजस्थान) में जन्मे नवल सेठी की शैक्षिक योग्यता एम.ए.(संस्कृत,हिंदी),एम.फिल.,पीएच-डी.,साहित्याचार्य, शिक्षा शास्त्री और बीजेएमसी है। शोध निदेशक डॉ.सेठी लगभग ५० राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं,तो कई शोध पत्रों का अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है। पाठ्यक्रमों पर आधारित लगभग १५ से अधिक पुस्तक प्रकाशित हैं। आपकी कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। हिंदी और संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने वाले राजस्थानवासी डॉ. सेठी सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत कई सामाजिक संगठनों से जुड़ाव रखे हुए हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत तथा आलेख है। आपकी विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध-पत्र का वाचन है। लेखनी का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है। मुंशी प्रेमचंद इनके पसंदीदा हिन्दी लेखक हैं तो प्रेरणा पुंज-स्वामी विवेकानंद जी हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
‘गर्व हमें है अपने ऊपर,
हम हिन्द के वासी हैं।
जाति धर्म चाहे कोई हो,
हम सब हिंदी भाषी हैं॥’

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