मिट्टी की महक

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** मिट्टी में गुण बहुत हैं, हरदम इसका मान करें हमें भी इसमें मिलना है, खुद पर ना अभिमान करें यह हरदम हँसती रहती है, कहीं…

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तेरे हवाले है जिंदगी

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** प्यार को प्यार से जानें तो, कोई बात होती है। दिल को दिल से जानो तो, कोई बात होती है। मैं कैसे समझूँ कि तू, मुझको…

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मंज़र पर्दे की ओट का

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** यूँ होता,यूँ ना होता,सोच-सोच कर क्या फायदा राज़ जब यह मुहब्बत में,दिल की चोट का है, मेरा दिल तो मुस्कराया है,सदा बच्चे की मानिंद कसूर…

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माँ

अनिल कसेर ‘उजाला’  राजनांदगांव(छत्तीसगढ़) ************************************************************************* वो पल वो क्षण याद आता है, रह-रह कर मुझे तड़पाता है। तेरा वो हँसना वो मुस्कुराना, दिल को मेरे बहुत भाता है। माँ माँ…

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यादें

तारा प्रजापत ‘प्रीत’ रातानाड़ा(राजस्थान)  ************************************************* यादें, आसमान से उतरी एक रात, ठहर गयी बोझिल पलकों पे। शुरू हुआ सफ़र तेरी याद की यादों का, लम्हा-लम्हा बहता गया, शुष्क आँखों से…

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युद्ध भी जरुरी है

गोलू सिंह रोहतास(बिहार) ************************************************************** हे प्रिय! हृदय से कहना-क्या सत्य स्वभाव से सीधे हो ? या हे प्रिय! भीष्म की ही तरह तुम भी दु:ख के बाणों से बिधे हो…

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डर के आगे जीत

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** एक दिवस मैं नदी किनारे बैठ पेड़ की छाॅंव तले, एक अकेला सुस्ताता था धुँधलाई-सी शाम ढले। देख रहा था ढलता सूरज अपने में खोया-खोया,…

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नारी शक्ति

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** नारी जीवन दायिनी,नारी से संसार। नारी से घर द्वार है,नारी मूरत प्यार॥ नारी मूरत प्यार,सजा रख दिल में अपने। शक्ति बिना नहिं होय,कभी…

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विवाह

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* सृष्टि से पहले न मानव था न जीव, किसने जाना कैसे जन्म हो मानव का॥ किसने जानी प्रीत ? कौन किससे प्रेम करे,किसको…

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लोकतंत्र तो आहत हुआ

ललित गर्ग दिल्ली ******************************************************************* अपनी अनूठी एवं विस्मयकारी राजनीतिक ताकत से शरद पवार ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने की असमंजस्य एवं घनघोर धुंधलकों के बीच जिस तरह का आश्चर्यकारी वातावरण…

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