आईना

डॉ. प्रताप मोहन ‘भारतीय’सोलन(हिमाचल प्रदेश)******************************************************************* आईना हमारीऔकात दिखाता है,जैसे हैं हमवैसा दर्शाता है। आईने का हैयह स्वभाव,नहीं करता हैकिसी से भेदभाव। धूल लगी होती हैहमारे चेहरे पर,और हम अक्सरआईना साफ़…

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दर्द भी है,तरकीबें भी

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)********************************************************** दर्द भी है जिन्दगी में,तकलीफें भी हैंतकलीफों से लड़ जाने की,तरकीबें भी हैं। सख्त है अगर वक्त तो,उसकी वजह भी हैबह जाने दो आँसूओं को,कह जाने दो…

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कृष्णा प्रेम की बाँसुरी

प्रिया देवांगन ‘प्रियू’ पंडरिया (छत्तीसगढ़) *********************************************************************** माखन मुख लिपटा हुआ,मैया पकड़े कान।बाल रूप है कृष्ण का,करे सभी सम्मानll बैठे कदम्ब पेड़ पर,करे राधिका तंग।सुना रहे मुरली मधुर,बैठ गोपियों संगll कृष्ण…

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सैनिक को सजदा

मधुसूदन गौतम ‘कलम घिसाई’कोटा(राजस्थान)******************************************************************** सर्द काँपती जिसके डर से,आतप को भी आये पसीना।मातृभूमि पर मरकर सीखे,सैनिक असल में जीवन जीना।कदम बढ़े तो राह रोक ले,सर्दी गर्मी या बरसातें।ऐसे बदले बदले…

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होगा पराक्रम करना

शशांक मिश्र ‘भारती’शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ****************************************************************** बहुत हो चुकी सीनाजोरी अब हमें पराक्रम करना होगा, जागो रणबांकुरों जागो शत्रुओं का देश उजड़ना होगा। मित्रता की बातें करने वाले आस्तीन के सर्प निकल…

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भाविप ने माना-अंग्रेज़ी भाषा का ज्ञान बौद्धिक क्षमता का निर्धारण नहीं करता

दिल्ली। भारतीय विधिज्ञ परिषद (बार काउंसिल) ने अंग्रेजी के अलावा,भारतीय भाषाओं में राष्ट्रीय विधि विद्यालयों में प्रवेश के लिए संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (संविप्र परीक्षा या क्लैट) आयोजित करने की…

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दर्द पर दर्द

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)********************************************************* जिंदगी रोप दी मैंने घने अभावों में,दर्द पर दर्द की मरहम लगाई घावों में। राह कोमल दिखी मुझको तमाम मंजिल तक,चल पड़ी तब लगा शीशे चुभे हैं पावों…

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अपनापन चाहिए

तारा प्रजापत ‘प्रीत’रातानाड़ा(राजस्थान) ************************************************* वर्तमान देश काऐसा है तो,भविष्य कैसा होगा ?सूनी आँखों में,लाचारी लिएन जाने क्या ढूंढ़ते हैं ?सूखे होंठकहना चाहते हैं,पर कौन सुनेगा इनकी ?ग़रीबी की,कोख़ के पालेचलते हैं,अभावों…

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अश्रु तेरे बह रहे क्यों

शिवेन्द्र मिश्र ‘शिव’लखीमपुर खीरी(उप्र)**************************************************** दिल हमारा रो रहा है,अश्रु तेरे बह रहे क्यों,होंठ हैं खामोश मेरे,ये नयन कुछ कह रहे क्यों।बाँटते हो दर्द मेरा,क्यों मेरे हमदर्द बनकर- ताप ये मेरे…

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साहित्य संस्थान ने कराया कवि सम्मेलन

हरियाणाl राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान के तत्वावधान में महा कवि सम्मेलन कराया गयाl ५ जुलाई रविवार को इसमें पूरे भारत के ८६ कवियों द्वारा गुरु की महिमा अपनी रचनाओं द्वारा…

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