नव ज्योति कलश

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)********************************** ब्रह्माड तिमिर हरने,नव ज्योति कलश छलकेजैसे बनी सुहागन,सिंदूर माथ दमके। है गूँज कलरवों की,चमके है ओस मणिकासुरभित समीर विकसित,महकी प्रत्येक कणिका। कलियों का रूप निखरा,भँवरों की टोली आयीऋतु है बड़ी सुहानी,दिल में उमंग छायी। नई आस मन बढ़ाती,उत्साह पालनहारी।सब हों सुखी हे प्रभुवर,यही कामना हमारी॥

हराने जलते हैं टिमटिम दीपक

संजीव एस. आहिरेनाशिक (महाराष्ट्र)********************************************* दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… आश्विन कृष्ण पक्ष का अँधियारा, हराने जलते हैं जो टिमटिम दीपक,दीपक-दीपक मिल मिलकर, अंधियारे क़ो हराने लगते हैं भरसकज्योति-ज्योति मिल मिलकर हराने लगते हैं तमस भीतर तक,दरकने लगता विशाल अँधियारा विकराल फैला जो धरा से गगन तक। प्रकाश केवल उजियारा नहीं है, स्वयं परब्रम्ह का … Read more

प्रेम का दीप जलाएं

ममता साहूकांकेर (छत्तीसगढ़)************************************* दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… आओ दीवाली में दीप जलाएं,भेदभाव को जड़ से मिटाएं। प्रेम की बाती मन में जलाकर,प्यार ही प्यार फैलाएं। हर मन में ये भाव जगाएं,छल-कपट को दूर भगाएं। बांटे सभी को स्नेह और खुशियाँ,जैसे दीप से दीप जलाएं। तेज पुंज उज्जवल प्रकाश से,अंधकार का नाश करें। काम … Read more

धन्य तेरस:पधारो माँ लक्ष्मी

सीमा जैन ‘निसर्ग’खड़गपुर (प.बंगाल)********************************* धन तेरस को धन्य करने, लक्ष्मीजी जब घर आएंगी,तेजस्विता की शुभ्र किरणें, उनसे पहले आ जाएंगी। लकदक जगमग गजगामिनी-सी, ऐश्वर्य की देवी आएंगी,द्वार मेरा झिलमिलाएगा, जब माँ लक्ष्मी घर आएंगी। माथे बिंदिया, रत्नों की नथिया, स्वर्ण से कर्णफूल टंके होंगे,बाजूबंद और कंगन चूड़ियों से, माँ के हाथ भरे होंगे। माथे बिंदी, … Read more

स्नेह ज्योति से जीवन जगमगाए

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… दीप जले मन में, उजियारा हो जाए,हर कोना प्रेम का, प्यारा हो जाएअंधियारे दिल के तम सब मिट जाएँ,स्नेह की ज्योति से जीवन जगमगाए। मन के भीतर जो द्वेष की राख जमी,उस पर करुणा की किरणें पड़ जाएँलालच, ईर्ष्या, क्रोध जहाँ पलते हैं,वहाँ दया के दीप … Read more

इक दीया उम्मीद का

दीप्ति खरेमंडला (मध्यप्रदेश)************************************* इस दिवाली पर जलाएं,इक दीया उम्मीद का। उजियारा जिसकी किरणों का,तम हरे सबके मन काइस दिवाली पर जलाएं,इक दीया उम्मीद का…। दूर हो अंधियारा दुखों का,उजियारा फैले खुशियों काइस दिवाली पर जलाएं,इक दीया उम्मीद का…। तिमिर दूर हो कलुष भेद का,आशाओं की हो रोशनीइस दिवाली पर जलाएं,इक दीया उम्मीद का…। खोए हुए … Read more

प्रिय स्मृतियों में तेरे…

डॉ. विद्या ‘सौम्य’प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)************************************************ दीप जलें, मन महके (दीपावली विशेष)… जिस पथ से गए समर शेष में,उस रज का तिलक लगाऊंगीप्रिय स्मृतियों में तेरे…मिलकर मैं दीप जलाऊंगी। उस दिन निशीथ की बेला में,जब जल उठे थे,दीप सुनहरेगगन अभी कुछ लोहित ही था,पवन अभी कुछ मोहित ही थाआलिंगन से चहका ये तन था,मधुर प्रेम में … Read more

उत्सव की आहट

ममता साहूकांकेर (छत्तीसगढ़)************************************* घर में की साफ-सफाई,दीवारों में की पुताईकपड़ों की कर ली धुलाई,गलियाँ भी हमने चमकाईफिर भी नहीं थकावट है,दीपोत्सव की आहट है…। लेकर रौनक सजे बाजार,मोतियों का सुंदर हारफूलों की लम्बी कतार,खरीददारी के लिए सब हैं तैयारदेखो कितनी गर्माहट है,दीपोत्सव की आहट है…। नई हिलोर नई उमंगें आई,खुशियों की नई तरंगें आईखूब पटाखे-फुलझड़ियाँ … Read more

ज़ज्बात से स्वर…

बबिता कुमावतसीकर (राजस्थान)***************************************** मन की खामोशी में इक तूफ़ान पलता है,शब्दों की झिलमिल में भावों का जंगल जलता हैविवेक का दीपक बुझता है जब,अंतर का अंधकार स्वयं को निगलता है। स्मृतियों की परतों में एक चेहरा अनलिखा,मौन की चादर में लिपटा, समय से भी पुरानावो क्षण-जिसने हृदय की नसों में राग भरा,अब केवल प्रतिध्वनि है-सूनी, … Read more

बात करने से…

डॉ. श्राबनी चक्रवर्तीबिलासपुर (छतीसगढ़)************************************************* बात करने कीआदत सी है हमें,अपने भावों कोआवाज़ देने की। कला पाई है हमनेक्या करें बात करने,के गुण को आत्मसातकिया है अपने कार्य में। कभी-कभी लगता है,बिन बात भी जब बात,बन जाती है तो क्याआवश्यकता है बात करने की ? शायद चुप रहने की आदत नहीं है हमें,बात करने से अगर … Read more