घर से सड़क तक दौड़ता मन

डॉ.हेमलता तिवारी भोपाल(मध्य प्रदेश) ********************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… घर से सड़क तक दौड़ता मन बेचैन मन उद्वेलित,आशंकित सशंकित भटक रहा इधर-उधर, कभी खिड़की कभी दरवाजे,और कभी सड़क तक दौड़ता मन…। अब तक न आया जीवनसाथी, अब तक न आयी जीवन जननी और अब तक न आयी इकलौती बहन घर से सड़क तक दौड़ता … Read more

मुझे जिंदा रहने दो…

इलाश्री जायसवाल नोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… कुछ अनकही कहने दो, सपनों को बुनने दो… मेरी आवाज़ को जिंदा रहने दो। बहुत उठाए जिम्मेदारियों के बोझ, साँझ-सवेरे हर रोज़… पर कुछ हकों को जिंदा रहने दो। थक के गहरी नींद आ गई, कभी चिंताओं से नींद उड़ गई… पर खुली आँखों का सपना … Read more

नारी

विनोद वर्मा आज़ाद देपालपुर (मध्य प्रदेश)  ************************************************ ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… अबला-अबला-अबला है इस देश की नारी, भारतीय संस्कृति के झूले पर टंगी रहती है बेचारी। एक माँ के रूप में इसकी ममता है न्यारी, रक्षा बंधन के कारण वह है सबकी प्यारी॥ दादी के रूप में सुनाती है वह अच्छी-अच्छी कहानी, भाभी के रूप … Read more

नारी वरदान हो तुम

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… नारी तुम श्रद्धा हो, सुकोमल नवकिसलय कुसुमित मनोरम मधुरिमा, ममता वात्सल्य पारावार जीवनाधार जगदम्ब हो तुम। जननी हो करुणार्द्र, स्नेहामृतांचल पसारे सन्तति आलिंगन उद्यत सतत्, माता अवलंब हो तुम। सुखदा,कल्याणी,भव्या, कान्ता सुखदा अर्द्धांगिणी हो तुम। आत्मजा,कुमारी,कन्या, हर्षिणी,शान्तिदायिनी अम्ब,भगिनी,वधू रम्या, अध्यापिका,नेत्री,शक्ति,भद्रा देवासुर मनुज सम्पूजिता, … Read more

पहचान

सुश्री अंजुमन मंसूरी ‘आरज़ू’  छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) ********************************************************************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… आज-कल मैं कुछ मुस्कुरा के चलती हूँ। झुका के नहीं, सिर उठा के चलती हूँ। अहं से नहीं…, अहम से। मैं मुस्कुरा के चलती हूँ, क्योंकि अब मेरी अपनी, अहम पहचान है…। अब भी मैं, अपने पिता की बेटी तो हूँ, पर … Read more

बसंती बयार

मनोरमा जोशी ‘मनु’  इंदौर(मध्यप्रदेश)  **************************************************** मेरे पिया गये परदेश, सखी री मेरा मन तरसे बसंती रंग बरसे, जिया में कैसे रंग हरखे। सरसों बढ़ती अरहर बढ़ती, गढ़ती नहीं कहानी राह ताकते हो गई उमर सयानी, टूट गये सब्र के फूल मन पुलके तन हरसे, बसंती रंग बरसे। बौर फूलते गेंदा हँसते, महुआ भी यदमात कौन … Read more

मुस्कान है नारी

कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’ इन्दौर मध्यप्रदेश) ********************************************* ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… नारी जीवन का संबल है, और संबल ही नारी है। नारी नहीं है शब्द का मुखडा़, सब परिभाषा नारी है। नारी शब्द में खुशबू भरी है, चम्पा,चमेली,मोगरा की नारी नहीं बस वह इस धरा की, जीवन पालनहारी है। नहीं कभी भी मुरझाई है, नहीं … Read more

शकुंतला ने कब दुष्यंत को छोड़ा था…

डॉ.नीलिमा मिश्रा ‘नीलम’  इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) ************************************************************** ‘अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ स्पर्धा विशेष………………… शकुंतला ने कब दुष्यंत को छोड़ा था, सीता ने कब राम को पथ में छोड़ा था। यशोधरा की ग़लती मुझे बताओ तुम, सहा उर्मिला ने जो दर्द मिटाओ तुम॥ त्याग दिया नारी को कष्ट सहा उसने, हर क्षण प्रतिपल प्रतिपद दर्द सहा उसने। … Read more

बसंती हवा

सुनीता बिश्नोलिया चित्रकूट(राजस्थान) ****************************************************** इठलाती-मुस्काती गाती,बिन सरगम के गीत, चली बसंती हवा ढूंढने,अपने मन का मीत। तरु की हर डाली छूकर,बागों में चले मचलती, सांय-सांय के सुर में गा,बासंती रंग बिखराती। कोमल-पर्ण फुल्लित पुष्पों से,सजा तरु का गात, हरी-भरी वसुधा पर होती,रंगों की बरसात। पवन बसंती चली खेत में,फूल रही हर क्यारी, सरस रहे खेतों … Read more

सुकून

सुषमा मलिक  रोहतक (हरियाणा) ************************************************************************************* लंबे अरसे के बाद आज की रात हम सुकून से सोए हैं, भूलकर सारी दुनिया को फिर से हम खुद में खोए हैं। चैन भी नहीं मिला नींद भी मुक्कमल नहीं थी.., बीत जाती जो घड़ी लगा कि बस वही सही थी..। कुछ बातें थी अनकही कुछ पर तो मैंने … Read more