पूर्ण हुई मंशा सकल

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** तिलक किया है सूर्य ने, राम ललाम ललाट,किरणों के अभिषेक से, हँसे भुवन सम्राट। नवमी तिथि शुभ चैत में, मंद- मंद मुस्कान,शोभा अद्भुत पा रहा, सुन्दर रूप…

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माँ कालरात्रि देवी

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* कालरात्रि माँ भवानी, महिमा अपरंपार।धूप दीप नैवेद्य से, माता का दरबार॥ कालरात्रि माँ सप्तमी, पावन दिन नवरात्र।महाकाल जगदम्बिके, मुण्डमाल चहुँ गात्र॥ चामुण्डा माँ चण्डिका,…

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स्कंदमाता-हर लेना सब पीर

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* पंचम दिन स्कंद माँ, विनती करता आज।करो अनग्रह मातु तुम, पूरण हों सब काज॥ कमल समर्पित मातु है, केसर वाली खीर।केले का भी भोग है, हर…

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माँ स्कंदमाता

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* नमन स्कंदमाता चरण, कार्तिक देव स्कन्द।गिरिजा नंदन हिय भजूॅं, खिले भक्ति मकरन्द॥ दुर्गा शक्ति पंचमी, महाशक्ति विकराल।महाप्रलय राक्षस दलन, स्कन्दमातु रण काल॥ पार्वती वृषवाहिनी,…

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पावन शुभ नवरात्रि

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* शुक्ला चैत्री प्रतिपदा, सनातनी त्यौहार।नव दुर्गा आराधना, कीर्ति मिले सुख सार॥ अभिनन्दन स्वागत करें, नूतन हिन्दू वर्ष।पावन नित नवरात्रि में, मानवता उत्कर्ष॥ पूजनार्थ नवरात्र…

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ऋतुओं का महत्व

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* सुष्मित कुसुमित प्रकृति यह, सुरभित जीवन लोक।सूरज चंदा अहर्निश, हरे तिमिर जग शोक॥ षड् ऋतुओं में प्रकृति सज, विविध रूप श्रृंगार।शीताकुल खग पशु मनुज,…

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गणगौर पूजा

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि, चैत्र मास गणगोर।माँ गौरी आराधना, करे सुहागन भोर॥ भक्ति भाव पूजा उमा, करे कुमारी आज।मिले योग्य वर जिंदगी, नव जीवन…

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नूतन करो विचार

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* नव संवत्सर में सखे, नूतन करो विचार।भूलें मन की द्वेषता, करिए नेह प्रसार॥ जीवन में आगे बढ़ें, सपने हो साकार।कर्म करें उत्साह से, नव ऊर्जा संचार॥…

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हवा चली इस तरह

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* हवा चली कुछ इस तरह, राजनीति परिवेश।धर्म-जाति-भाषा कलह, भुले एकता देश॥ पुन: विवादों से घिरी, ईवीएम कमसीन।हवा चली कुछ इस तरह, नेता जी गमगीन॥…

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फाग रंग रंजित हृदय

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* विविध रंग पंखों जड़ित, शुक मधु राग उमंग।मधुमासी फागुन लसित, राम नाम धुन रंग॥ महका रंगों से वदन, रिझता भ्रमर पराग।खिली कली कुसमित कला,…

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