वो सात दिन…
आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* जब देखा वो लाल खून, खेलते हुए हो गयी सुन्न। उम्र तेरह की थी दहलीज, बचपन का पहना था ताबीज। अनजान थी,क्या है यह सात…
आरती जैन डूंगरपुर (राजस्थान) ********************************************* जब देखा वो लाल खून, खेलते हुए हो गयी सुन्न। उम्र तेरह की थी दहलीज, बचपन का पहना था ताबीज। अनजान थी,क्या है यह सात…
संजय जैन मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** कुछ हमने कहा, कुछ उनने कहा बातों का सिलसिला, यहीं से शुरू हुआ। अब तो रोज बातें, हम दोनों करते हैं दिल की लगी है, दिल…
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** जमीन होती गगन से रौशन, गगन से किरणों के गुन्चे आते। मगर जमीं पे रहने वाले, नहीं इन्हें हैं यहां सजाते। जमीन होती...…
शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) *********************************************************************************** रंगों का मिलना होली है, हृदय मिले हमजोली है। मिलन पर्व मिला सके तो- सच का पर्व ठिठोली है॥ परिचय–शशांक मिश्र का साहित्यिक उपनाम-भारती हैl…
डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) ***************************************************************** सुबह ने कहा-कब तक सोती रहोगी ? जरा दरवाजा तो खोलो, देखो! तुम्हारे घरोंदे में धूप निकल आयी है। घर का बेतरतीब से पड़ा…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** नारी सच में धैर्य है,लिये त्याग का सार। प्रेम-नेह का दीप ले,हर लेती अँधियार॥ पीड़ा,ग़म में भी रखे,अधरों पर मुस्कान। इसीलिये तो नार है,आन,बान…
डॉ. वसुधा कामत बैलहोंगल(कर्नाटक) ******************************************************************* वसुधा ने पूछा कान्हा से,- मेरा बावरा क्यूँ है काला ? बोल दे हे! मेरे गोपाल रे, कान्हा ने मुस्कुराते बोला- सुन रे पगली मेरी…
अंशु प्रजापति पौड़ी गढ़वाल(उत्तराखण्ड) **************************************************************** कुछ पिछली यादों का सफ़र करने का मन है, आज कुछ भी न करने का मन है। जो कुछ भूल चुके थे जी लें एक…
डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’ बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** आसमां का सितारा बनूँगा, डूबते का किनारा बनूँगा। मानव जीवन मिला है मुझे, दुखियों का सहारा बनूँगाll मानव पर उपकार करूँगा, भटके को राह…
शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान) ********************************************************************************* गगन मनाता खुशी धरा भी तो मुस्कायी है, घर भर में उल्लास हुआ है खुशियां छाई है। ले कांसी का थाल बजाया छत पर…