प्रकृति की देन

संजय जैन  मुम्बई(महाराष्ट्र) ******************************************** नदिया न पिये, कभी अपना जल। वृक्ष न खाए, कभी अपना फल। सभी को देते रहते, सदा ही वो फल और जल। नदिया न पिये कभी...॥…

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मैंने जिसको कहा पराया है

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** मैंने जिसको कहा पराया है, पहले दुख में वही तो आया है। हर किसी शय में दिख रहा है वो, जैसे आँखों में ही…

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नारी

डॉ.एन.के. सेठी बांदीकुई (राजस्थान) ************************************************************************* नारी जग का सार है,नारी ही आधार। बिन नारी सब सून है,ममता काआगार॥ ममता का आगार,रहे वह सब पर भारी। पावन है हर रूपशक्ति स्वरूपा…

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बाल श्रमिक

बोधन राम निषाद ‘राज’  कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** बाल श्रमिक अभिशाप है,करते बच्चे काम। मजबूरी सर है चढ़े,सभी गरीबी नाम॥ सभी गरीबी नाम,पेट के खातिर कहते। दुख-पीरा को आज,देख लो कैसे…

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मन की बात

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** इधर-उधर, जाने किधर है छोटा-सा, मेरा जिगर ढूंढ रही हूँ, कैसा धुरंधर...l खोजूं कैसे, रहता है किधर किन गलियों में, किन राहों में किसके पास, किसने…

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संतुष्टि

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’ बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************************************** सबसे अच्छी,सबसे सस्ती,है मन की संतुष्टि ही, मन में रहती पर न मिलती,कभी किसी को संतुष्टि। सुखों की जननी,दुखों की हरनी है जग…

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सफर

डीजेंद्र कुर्रे ‘कोहिनूर’  बलौदा बाजार(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** जिंदगी का ये सफर, कट रही थी यूँ डगर। रेलम-पेल थी उस रेल में, बढ़ता जा रहा था सफर। अनजान-सी उस राह में, सिर…

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मैं माँ हूँ

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** माँ हूँ मैं ममता की मूरत, आओ गले लगाऊँ मैं दिया जन्म निज दूध पिला कर, जीवन पथिक बनाऊँ मैं। नेह सलिल स्नान…

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अंधविश्वास…

निर्मल कुमार जैन ‘नीर’  उदयपुर (राजस्थान) ************************************************************ टूटा विश्वास- मैंने जब भी किया अंधविश्वासl सब दिखावा- न कर अंधविश्वास एक छलावाl शिक्षा फैलाओ- पाखण्ड के विरूद्ध जागृति लाओl मन में…

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गुफ्तगू करना दिल से

संजय गुप्ता  ‘देवेश’  उदयपुर(राजस्थान) ******************************************************************** ये दिल कहे यारी में,ऐसा भी कुछ हो जाये मौत भी यारों को,जुदा करने में शरमाये, देख मेरे चेहरे पर,ये सुकून,सेहत,मस्ती- खुदा भी कह दे-तुझे…

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