दिवाली की खुशियाँ

गरिमा पंत  लखनऊ(उत्तरप्रदेश) ********************************************************************** हमने कहा प्रिय- आओ दिवाली मनाएं, खुशियों का रंग सबके चहरे पर ले आएं। दीए की लौ से हर तरफ, अँधेरा दूर भगाएं जैसे ही दिया…

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दीप का पर्व

विजय कुमार मणिकपुर(बिहार) ****************************************************************** दीप जलाने वाली माई आज परीक्षा तेरी आई, जागरूकता में है सबकी भलाई कर लो माँ पुण्य की कमाई। खुद अंधेरों में रहकर भी की दूसरों…

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जलाओ दीप हजार

गीतांजली वार्ष्णेय ‘ गीतू’ बरेली(उत्तर प्रदेश) ************************************************************************* आया रोशनी का त्यौहार,मना लो बारम्बार, आया दीवाली का त्यौहार,जलाओ दीप हजार। जगमग जहां हो जाए,रहे न कहीं अंधकार, ज्ञान की ज्योति,प्रेम की…

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यत्र-तत्र-सर्वत्र

अरुण कुमार पासवान ग्रेटर नोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* जानता हूँ,परिवर्तन शाश्वत सत्य है प्रकृति का। परिवर्तन न हो तो थम जाए गति,रुक जाए सब-कुछ, जैसे रुक जाता है साँसों का चलना ज्ञानेन्द्रियों…

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दीप पर्व

सुरेश चन्द्र ‘सर्वहारा’ कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** गया दशहरा तो आई लो खुशियों भरी दिवाली, जगमग-जगमग रोशन होगी रात अमावस काली। नन्हें-नन्हें दीप जलेंगे हर आँगन चौबारे, छुपा चेहरे को भागेंगे इधर-उधर…

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पर्व है यह पुरूषार्थ का

कुँवर बेचैन सदाबहार प्रतापगढ़ (राजस्थान) ********************************************************************** पर्व है पुरुषार्थ का, दीप के दिव्यार्थ का। देहरी पर दीप एक जलता रहे, अंधकार से युद्ध यह चलता रहे। हारेगी हर बार अंधियारे…

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शुभ दीपावली

प्रेमशंकर ‘नूरपुरिया’ मोहाली(पंजाब) **************************************************************************** आओ चल-चल कर अब सबको जगाएंगे हम, इस बार कुछ अलग से दिवाली मनाएंगे हम। पूरे देश में कंधे से कंधा मिलाकर चलें हम, इस दिवाली…

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रोशनी में अंधेरे को छुपाना है

प्रो.स्वप्निल व्यास इंदौर(मध्यप्रदेश) **************************************************** रोशनी के आगोश में अंधेरे को छुपाना है, बिखरे घरोंदे को फिर से सँवारना है। इस बार फिर दिवाली मनाना है... उम्मीदों के रंग से दीवालों…

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वह सपना ही तो था

डाॅ. मधुकर राव लारोकर 'मधुर'  नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* निद्रा में जैसे,सपने आते सपने में जैसे,तुम दिखते। कुछ बेगाने से,कुछ अंजाने से, एहसासों को जैसे,सर्द हवाएं देते। वह सपना ही तो था...…

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माँ की प्रतीक्षा…

पूनम दुबे सरगुजा(छत्तीसगढ़)  ****************************************************************************** माँ तुम कहां हो! जानती हूँ तुम नहीं हो, फिर भी मेरे ज़हन में बसती हो, माँ कहां हो! हर पल तुम्हारी, प्रतीक्षा रहती है...। आओ…

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