नेट-चेट में लीन

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** मोबाइल का दौर है, मनुज हुआ नित व्यस्त।नेट चेट में लीन है, तन से होता पस्त॥तन से होता पस्त, करे वह लापरवाही।पढ़ना नहीं किताब, करे वह…

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अवसर पकड़ो

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* जीवन में अवसर मिले, करें कर्म शुभ नेक।बार-बार आता नहीं, रखें नहीं अविवेक॥रखें नहीं अविवेक, समय की कीमत जानें।हित-अनहित को देख, भाव मन का पहचानें॥सार्थक मानव…

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उल्लास

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* मन में हो उल्लास तो, सुधरें सारे काज।होता जीवन भी सुखद, उज्ज्वल हो कल आज॥उज्ज्वल हो कल आज, दूर हो जाय निराशा।रहें सदा समभाव, दुःख में…

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किया विरह का अंत

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* आया मनभावन वसन्त.... मौसम मदमाने लगा, शोभन लगे वसंत।मधुमासी परिवेश ने, किया विरह का अंत॥किया विरह का अंत, आज तो चंचल मन है।ख़ुद से ही है…

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धारा

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* धारा के विपरीत जो, चलता मानुष वीर।पाता जीवन ध्येय को, कहलाता रणधीर॥कहलाता रणधीर, पीठ वह नहीं दिखाता।मिले सफलता शीघ्र, सभी के मन को भाता॥करो सदा पुरुषार्थ,…

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आई है सर्दी

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* सर्दी जोरों की पड़े, शीतल चले बयार।ओस धरा को नम करे, पचे सभी आहार॥पचे सभी आहार, समय ये सबको भाता।काँपे थर-थर गात, रक्त तन में जम…

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करना सही चुनाव

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* मिलकर करिए फैसला, करना है मतदान।चुनना प्रतिनिधि सत्य ही, इसे कसौटी जान॥इसे कसौटी जान, मान जनमत का रखना।करना जन कल्याण, ध्यान इस पर ही धरना॥सोच-समझ दें…

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मिटे जगत अँधियार

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* राम-राज... पूरा कर वनवास को, लखन सिया रघुवीर।लौटे अवधपुरी पुनः, त्यागे वल्कल चीर॥त्यागे वल्कल चीर, सभी जन देय बधाई।सजी अयोध्या आज, सभी ने खुशी मनाई॥दीप जले…

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बेटी कभी न बोझ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* करना मत तुम भेद अब, बेटा-बेटी एक।बेटी प्रति यदि हेयता, वह बंदा नहिं नेक॥वह बंदा नहिं नेक, करे दुर्गुण को पोषित।बेटी हो मायूस, व्यर्थ ही होती…

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तुम्हारा लक्ष्य क्या है ?

राजू महतो ‘राजूराज झारखण्डी’धनबाद (झारखण्ड) ****************************************** आज गगन ने पूछा धरती से,'बता तुम्हारा लक्ष्य क्या है ?'धरती बोली-'मैं आसमां बन जाऊं,तारों को समेट मैं खिलखिलाऊँ।' फिर धरती बोली वृक्षों से,'बताओ तुम्हारा…

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