वो आयें ना मधुमास में
डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** नैना भर-भर आये सखी रे,वो आयें ना आयें इस आस मेंजाने वो कौन-सी मजबूरी है,वो आयें ना मधुमास में। पंछी चहक-चहक कर बोले,उन्मुक्त नीले आकाश मेंवल्लरिया पेड़ों…
डॉ. कुमारी कुन्दनपटना(बिहार)****************************** नैना भर-भर आये सखी रे,वो आयें ना आयें इस आस मेंजाने वो कौन-सी मजबूरी है,वो आयें ना मधुमास में। पंछी चहक-चहक कर बोले,उन्मुक्त नीले आकाश मेंवल्लरिया पेड़ों…
डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* सजा थाल कर्पूर की, करूँ आरती ईश।आंजनेय हनुमान की, केशरि नंद कपीश॥ रोम-रोम तनु राममय, भक्त राम हनुमान।भोर भयो सुमिरन करूँ, मंगलमय सब काम॥…
अरुण वि.देशपांडेपुणे(महाराष्ट्र)************************************** कोई अपना अचानक,हमेशा के लिए छोड़दूर-दूर चला जाता है,दर्द तो हो ही जाता है। मन को असहनीय पीड़ाहोती हैक्षण शोक-मग्न सारे,मन सुन्न-सा हो जाता है। वियोग का दु:ख…
अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* कुदरत ने जब भेज दी, बासन्ती सौगात।पागल मन करने लगा, बहकी महकी बात॥ गाँधी-सा होना नहीं, कभी रहा आसान।जन-जन इसको जानता, सबको इसका ज्ञान।…
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* नित प्रवाहिनी नर्मदे, तेरा ताप अपार।देती है तू जीव को, पुण्यों का उपहार॥ रेवा मैया तू सदा, करती है उपकार।बनकर के वरदान तू, कर देती भव…
रत्ना बापुलीलखनऊ (उत्तरप्रदेश)***************************************** रक्तिम रंग ले सूर्य से,सरसों से ले पीत रंगआई ऋतुओं की रानी,देखो सुन्दरी बंसत। सूर्य की लाली का चादर,ओढ़ जब बंसत लहरायाबासंती बयार से मानो,वसुधा का परचम…
सच्चिदानंद किरणभागलपुर (बिहार)**************************************** जिंदगी एक खुली किताब,कि जिसका होहर पृष्ठ शोहरत की,उमीदों में सजी हुई।चाहत लम्बी हो पर आस की,हो प्रबल दिव्यताकि रश्मि-ज्योत यशकृतेज्ञ,की महत्वपूर्ण आस्था।परिवेश से सम्पूर्ण,प्रतिष्ठा का अनमोल…
कवि योगेन्द्र पांडेयदेवरिया (उत्तरप्रदेश)***************************************** नई-नई ढपली,नई-नई शुरुआतआवाज में नजाकत भी नई-नई है,दो-चार भजनऔर कुछ हृदय विदारक गीत,कुछ दिन रटकरयाद किया हुआ है। हमारी रेल यात्रा का,एक यह भी हमसफर हैढपली…
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** लड़ी लड़ाइयां कई है अब तक,थी इतिहास में तीर-तलवारों सेसियासी लड़ाइयां लड़ी जाती है,आज जाति-धर्म की तकरारों से। अरे जागो भारतवासी आज तो,समझो कि भारत देश…
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* हमको मानुष तन मिला, ईश्वर का वरदान।व्यर्थ न इसे गँवाइए, कहते सुधी सुजान॥कहते सुधी सुजान, कर्म निष्काम करें सब।निकल गया जो काल, नहीं पाएंगे वो अब॥पाएं…