मेरी प्राण प्रिये
विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *************************************************************** मेरे हृदय के स्पंदन में बस तुम ही बसी हो प्राण प्रिये, जैसे दिया और बाती रहते,हरदम मेरे तुम साथ रहना प्राण प्रिये। चाँद…
विनोद सोनगीर ‘कवि विनोद’ इन्दौर(मध्यप्रदेश) *************************************************************** मेरे हृदय के स्पंदन में बस तुम ही बसी हो प्राण प्रिये, जैसे दिया और बाती रहते,हरदम मेरे तुम साथ रहना प्राण प्रिये। चाँद…
उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश) *************************************************** वर्षा गई अब मेरी बारी..., जल्दी से कर लो तैयारी ओढ़ो कंबल और रजाई, नहीं तो प्यारे ठंड लग जाई छोड़ो अकड़ चादर लो पकड़,…
दीपेश पालीवाल ‘गूगल’ उदयपुर (राजस्थान) ************************************************** वो निम्न कुल की लड़की थी, मैं स्वर्ण जात का लड़का था। वो जय भीम की करती थी, मैं इंकलाब को गाता था। वो…
क्षितिज जैन जयपुर(राजस्थान) ********************************************************** देख अपनी विजय को,रावण मुस्कराता है, उत्सव अपनी विजय का,वह खूब मनाता है। अधर्म ने आज धर्म को,छल से मारा है, रावण जीत गया है,राम आज…
डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* हृदय पीड़, बेबस बचपन... कैसे सुलझे ? श्रम करते, बेबस बचपन... सोचिए आपl कारण कई, बेबस बचपन... गरीबी भारीl पोषण करे, बेबस बचपन...…
देवेन्द्र कुमार राय भोजपुर (बिहार) ************************************************************* वैरागी सन्यासी को जो हर पल कहता है शैतान, वही चीरहरण करने बन के बैठा है भगवान। सत्ता में कुर्सी के लिए नोच लिया…
डाॅ. मधुकर राव लारोकर ‘मधुर’ नागपुर(महाराष्ट्र) ************************************************************************* खुदा से मांगी दुआ तेरी सलामती की,कई दफ़ा। तेरे इकरार से,रहे महरूम तेरा इंकार भी,नज़र नहीं आता। ज़माने ने दिए,गम बहुत ठोकर भी…
ओम अग्रवाल ‘बबुआ’ मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************************************** जिसमें मानव के दर्शन हो, जो पावन पुण्य समर्पण हो। जो संस्कार की बोली हो, जो ताप निकंदन होली हो॥ जो वाहक हो परिपाटी का,…
अरुण कुमार पासवान ग्रेटर नोएडा(उत्तरप्रदेश) ******************************************************************* नियति बड़ी क्रूर होती है, मनुज बँधा नियति के हाथ, सारे यत्न व्यर्थ हो जाते, भाग्य नहीं जब होता साथ। बिन ब्याही माँ जन्म…
संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************************** तुझसे मुलाकात तो एक बहाना है, फूलों को मौसम की रंगत दिखाना है बात लब पर आने को मचलती है, बहारें मौसम पर आने को…