बलात्कारियों को फाँसी दे दो

सोनू कुमार मिश्रा दरभंगा (बिहार) ************************************************************************* हैदराबाद घटना-विशेष रचना............. हे राजमहल के राजवंशी,अब वंशी तान देना बंद करो, खादी के वेष में बैठे रहनुमा,सुरक्षित बेटियों का प्रबन्ध करो। बदल दो…

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माफ करो,शर्मिन्दा हूँ

गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ हैदराबाद घटना-विशेष रचना.......... हे प्रणम्य ईश्वरचन्द्र विद्यासागर जी- अच्छा ही हुआ,आज आप नहीं रहे, नहीं तो अश्रुसिक्त नयन से आप बोले होते- संघर्ष भूल…

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रिश्तों की डिजाइन

डॉ.सोना सिंह  इंदौर(मध्यप्रदेश) ********************************************************************* रिश्तों का स्वेटर बुनकर जालीदार, डिजाइन बनाकर झालरदार लेस लगाती हूँ। हर रोज रिश्ते को देती हूँ नया नाम, बुनती हूँ एक नया रिश्ता सुबह और…

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आँखें बता रहीं हैं…

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** आँखें बता रहीं हैं कि इनकार है नहींl शायद लबों ने झूठ कहा प्यार है नहींl दिल हारने का भी सुनो अपना ही है…

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मैं `बेटी` हो कर शर्मिंदा हूँ…

मोहित जागेटिया भीलवाड़ा(राजस्थान) ************************************************************************** हैदराबाद घटना-विशेष रचना.......... मेरी अस्मत से खेल कर, क्यों हो बार बार जिंदा ? जबकि,मैं हर बार मर जाती हूँ, मैं बेटी हो कर शर्मिंदा हूँ!…

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काली बनकर आओ…

उमेशचन्द यादव बलिया (उत्तरप्रदेश)  *************************************************** `दिशा` काली बनकर आओ ना, पाप बढ़ा है पवित्र धरा पर  आकर तुम ही इसे मिटाओ ना,  `दिशा` काली बनकर आओ ना।    पापियों का संहार…

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क्यों मैं समझती रही

मौसमी चंद्रा पटना(बिहार) ************************************************************************ तुम हमेशा वैसे ही थे जैसे आज हो, क्यों मैं समझती रही तुम अलग हो। मैंने तुम्हें हमेशा ही दिखाये फूलों से लदे हरे-भरे पेड़, तुमने…

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हम ही गुनहगार हैं

विजयलक्ष्मी विभा  इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश) ********************************************************* हैदराबाद घटना-विशेष रचना............ हाँ,जन्म से पहले, तुम्हारा परिचय था तो सिर्फ नारी की कोख से था जिसमें तुम पल रहे थे, भ्रूण बन कर। जन्म के…

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न्याय चाहिए

डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ जमशेदपुर (झारखण्ड) ******************************************* हैदराबाद घटना-विशेष रचना................. कितनी निर्भया कितनी बालिकाएं, कितनी प्रियंका कितनी नन्हीं जान। न्याय माँगे बेटियाँ माताओं की आन, सुधार तत्परता सजा की है…

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हूँ खुशकिस्मत `अध्यापक` हूँ…

दुर्गेश कुमार मेघवाल ‘डी.कुमार ‘अजस्र’ बूंदी (राजस्थान) ****************************************************************** हूँ खुशकिस्मत अध्यापक हूँ, है कार्यक्षेत्र मेरा अध्यापन। ज्ञान की अलख जगाने को ही, है मेरा सब समराथन। अज्ञान लोक यह जीवन…

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