जागना होगा, वर्ना…

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** 'पृथ्वी दिवस' विशेष... जागना होगामर जाएंगे वर्नाबचाओ धरा। दुनिया यहीसबका मूल्य जानोमत बिगाड़ो। हवा चाहिएमन-सुकून लिएपेड़ लगाओ। वायु चाहिएन हो प्रदूषणवन बचाओ। जल कीमतीकम हों रसायनपानी जीवन।…

0 Comments

राम ही राह

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** राम ही प्राणमर्यादा का पर्यायराम ही धाम। सत्य सूरतराम का जीवनकर्म मूरत। राम ही राहबनें जीवन-राजासबकी चाह। पुरूषोत्तमवचन है निभायाराम उत्तम। दुःख तमाममिला वनवास भीसंतोषी राम। है…

0 Comments

ख्वाब

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* बादल आएमन को बड़े भाएआनंदित मैं। होगी बारिशतुम्हारे आने परभीगेंगे हम। बुनता ख्वाबसदा बच्चों के लिएनि:स्वार्थ मन। परिचय–पूजा हेमकुमार अलापुरिया का साहित्यिक उपनाम ‘हेमाक्ष’ हैl…

0 Comments

करे जागृत

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** 'कविता' तो हैजीवन की सरिताभाषा की नदी। 'कविता' ज्ञानमन से मन जोड़तीस्त्रोत महान। स्वर 'कविता'बोलती हृदय सेविचार-भाव। करे 'कविता'सदा आत्मा जागृतदेती है शिक्षा। शब्द सौन्दर्यरचती कई गुण'कविता'…

0 Comments

बरसा रंग खूब

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************* रंग हमारेहैं एकदम पक्केचढ़े प्यार से। रंगीन तुमरंगी रंगों में मैं भीमनाएं होली। फागुन आयाबरसा रंग खूबहुए रंगीन। मनभावनहोली के सभी रंगलगे अपने। खेलेंगे सबमनभावन…

0 Comments

जगत के रक्षक

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)********************************************* रचनाशिल्प:५-७-५ अक्षर के क्रम में ३ पंक्तियां प्रति पद... भगवान हैं,जगत के रक्षककण-कण में। रूप बदलें,प्रभु रक्षक बनक्षण-क्षण में। पहचानना,मुश्किल है उनकोसबके लिए। ईश्वर रहें,मात-पिता…

0 Comments

विश्वास

डॉ.पूजा हेमकुमार अलापुरिया ‘हेमाक्ष’मुंबई(महाराष्ट्र) ****************************************** दुखी मानवसब कुछ पाकरसंघर्षशील। भूल हमारीसुधरेगी अवश्यविश्वास बन। महक उठाघर-आँगन मेराबगिया तुम। राम स्मरणसदा बना रहताबता न सकूं। मन हमारामहत्वाकांक्षी बड़ामानें न हम। मन हारेगातुम्हारे…

0 Comments

निराला गणतंत्र

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** जीवन मंत्रभारत का निरालाहै गणतंत्र। जिम्मेदार होनिभाएं देश धर्मउदारता हो। हुई बर्बादीना भूलें बलिदानमिली आजादी। शान तिरंगाअनेकता-एकतामान तिरंगा। चमके देशफैलाएं हर ख़ुशीहो ये विशेष। भूखा न सोएऐसी…

0 Comments

अद्भुत रत्न

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** बहन बेटीइनको ही सम्भालेंअद्भुत रत्न। है ये आलोककरती फ़िक्र सदासम्भाले लोक। है अरूणिमाहर रूप में सेवाबेटी, कभी माँ। बेटी महानपाती जब शिखरबढ़ता मान। निभाती रीतिजोड़ती हर कड़ीबढ़ाती…

0 Comments

रहा नहीं भरोसा

अजय जैन ‘विकल्प’इंदौर(मध्यप्रदेश)****************************************** छोड़ देता हैघर को बेटा आज़पत्नी के लिए। बेचारा बापजीवन की गठरीउठाए कैसे ? माँ बस रोतीकाश! मेरी औलादऐसी न होती। सुखी न दिखापाला जिसे खून सेउसी…

0 Comments