व्यंग्य यात्रा सम्मान घोषित

दिल्ली। 'व्यंग्य यात्रा रवींद्रनाथ त्यागी स्मृति शीर्ष सम्मान' अरविंद तिवारी और सुरेश कांत को मिलेगा। यह सम्मान समारोह ९ मई को दिल्ली के हिंदी भवन में होगा।यह जानकारी रणविजय राव…

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माँ की कृपा

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** माँ की कृपा बड़ी निराली है,करो समर्पणफिर जिंदगी में खुशहाली है,भले ही माँ भूखी रह जाती हैमुझे आई तृप्ति की डकार से माँ संतुष्ट हो जाती है।…

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संस्कार फटे क्यों है ?

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)*************************************** संस्कार तेरे ये फटे क्यों है,चहरे पे उलझी लटें क्यों है ? क्या बेच खाई शर्म-हया!मानवता के बीज घटे क्यों है ? अफसोस अभी तक ग़म नहीं,बीच…

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नेट-चेट में लीन

डॉ.आशा आजाद ‘कृति’कोरबा (छत्तीसगढ़)**************************************** मोबाइल का दौर है, मनुज हुआ नित व्यस्त।नेट चेट में लीन है, तन से होता पस्त॥तन से होता पस्त, करे वह लापरवाही।पढ़ना नहीं किताब, करे वह…

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प्रकृति के साथ संतुलन की सीख हैं श्रीराम

ललित गर्ग दिल्ली************************************** रामनवमी विशेष... हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिए रामनवमी बहुत ही शुभ दिन होता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि, त्रेता युग में चैत्र…

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महाशक्ति है दिव्य

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश)******************************************* रामनवमी विशेष... महाशक्ति है दिव्य, रामजी जो कहलाते।हर पल ही जो भव्य, भक्त जिनको हैं भाते॥प्रभुवर रखते ताप, सभी के दुख हैं हरते।महिमा का विस्तार,पुष्प गरिमा…

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आज मन विचलित हो उठा

कमलेश वर्मा ‘कोमल’अलवर (राजस्थान)************************************* मन आज क्यों ? विचलित हो उठा,रह-रह कर मन क्यों ? मचल उठा। न जाने क्यों ? लगता है कुछ ऐसा,जीवन बदल-सा गया हो जैसा। जब…

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१९ अप्रैल को विराट कवि सम्मेलन

बाड़मेर (राजस्थान)। अहिंसा के अवतार भगवान श्री महावीर स्वामी का जन्म कल्याणक महोत्सव २१ अप्रैल को मनाया जाएगा। इसी कड़ी में बाड़मेर में जैन श्रीसंघ व भगवान श्री महावीर स्वामी…

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निराला सिंगापुर

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** सागर से सटा यह देश निराला, अनूठी यहाँ की व्यवस्था हैऊँची-ऊँची अटलियाँ हैं यहाँ की, फर्शित हर एक रस्ता है। ७३४.३ वर्ग किमी है दायरा इसका,…

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भोर हुई

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* धीरे-धीरे रजनी चली गई,भोर हुई, तब ऊषा आई। मुर्गा बोलता है कुकड़ू कूं,रवि रश्मियाँ दिखने लगीं। कौआ बोलता काँव-काँव,पनिहारिन दिखे ठाँव-ठाँव। हो गई है…

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