बाबूलाल शर्मा ‘बौहरा’ को ‘भीष्म पितामह सम्मान’ भेंट
दौसा(राजस्थान)। राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान (हरियाणा)ने बाबू लाल शर्मा 'बौहरा' को हिन्दी एवं ढूँढाड़ी भाषा में विविध विधा एवं छंद सृजन कर सतत साहित्य सेवा एवं संवर्धन हेतु 'भीष्म पितामह…
दौसा(राजस्थान)। राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान (हरियाणा)ने बाबू लाल शर्मा 'बौहरा' को हिन्दी एवं ढूँढाड़ी भाषा में विविध विधा एवं छंद सृजन कर सतत साहित्य सेवा एवं संवर्धन हेतु 'भीष्म पितामह…
निर्मल कुमार शर्मा ‘निर्मल’ जयपुर (राजस्थान) ***************************************************** आतुर स्वागत को तनया के, माँ,राह तके टकटकी लगाये बीत गये दस मास,मिले पुनि आवै तो हिव हरसाये॥ सज रही क्यारियाँ केसरिया, कलियों ने…
अंतुलता वर्मा ‘अन्नू’ भोपाल (मध्यप्रदेश) ************************************************************ जितने भी तुम ज़ुल्म करो, अब डरती नहीं हूँ मैं। मुश्किलें कितनी भी आएं, अब पीछे हटती नहीं हूँ मैं। निडर हो कर चलती…
मनोरमा जोशी ‘मनु’ इंदौर(मध्यप्रदेश) **************************************************** बहती जाये जीवन धार, सुख में साथी कई हजार दुःख मेंं बंद सभी के द्वार। मन कहता बैरागी हो जा, मन कहता रंगों में खोजा…
प्रयागराज(उत्तरप्रदेश)l १९ जनवरी को स्वर्ण भारत परिवार ट्रस्ट द्वारा माँ गंगा और यमुना की कल-कल बहती पावन धारा के मध्य माँ गंगा सेना शिविर(प्रयागराज) में राष्ट्रीय युवा संसद का आयोजन…
शशांक मिश्र ‘भारती’ शाहजहांपुर(उत्तरप्रदेश) ************************************************************************************ हमारा देश आजाद हुए सात दशक से अधिक का समय हो चुका है। राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त तथा महीयसी महादेवी वर्मा प्रसाद जी की पंक्तिया `अबला…
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़) ******************************************************************** अपने-अपने हैं सभी,अपनों से हो प्यार। दुनिया की इस भीड़ में,खो मत जाना यारll खो मत जाना यार,यहाँ धोखा ही पाते। जिसका खाते…
गोपाल चन्द्र मुखर्जी बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ************************************************************ रिसते हुए दिल से पूछा- कैसे चुभा है अपना ही काँटा, कैसे निकालूं उसे ? दोनों ही हैं अपने, कैसे सहूं यातना! फंस कर…
डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’ पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड) ****************************************************************************** रखते हैं उर में सदा, माया का जंजाल। उर को रीता राखिए , आयेंगे गोपाल॥ जग में ऐसे भागते, घूमें जैसे बैल। लेकिन सुख पाया…
कृष्ण कुमार कश्यप गरियाबंद (छत्तीसगढ़) ******************************************************************* दिल दिया है जां भी हाजिर, हो जाएंगे तेरे लिए कुर्बान। तीन रंगों से बना तिरंगा, भारत की है जो पहचान। अमर शहीदों ने…