चाहिए है समझना बराबर

प्रदीपमणि तिवारी ध्रुव भोपाली भोपाल(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** (रचनाशिल्प:वज़्न-१२२-१२२-१२२-१२२-१२२-१२२-१२२-१२२-फऊलुन×८) बड़ी बात ये है कि फुटपाथ में जो उन्हें चाहिए है समझना बराबर। तक़ाजा यही हो न उनसे हिक़ारत लगाएं भी दिल से ज़मीं…

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चिड़िया के बच्चे

मौसमी चंद्रा पटना(बिहार) ************************************************************************ उफ्फ! फ़िर तिनके...परेशान कर रखा है इन चिड़ियों ने...। उमा एक हाथ में झाडू उठाये बड़बड़ाये जा रही थी। मैंने कमरे से ही आवाज लगायी-"क्या हो…

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नारी दहन

गंगाप्रसाद पांडे ‘भावुक’ भंगवा(उत्तरप्रदेश) **************************************************************** एक महिला, घेरे चार दरिंदे सहायता के नाम पर बलात्कार, उभरी होगीं अनगिनत चीखें, मर्माहत पुकार... लेकिन दरिंदों के समक्ष सब अप्रभावी बेकार, अमानवीयता का…

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लोकतंत्र है घायल

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* शासन है पंगु आज, लोकतंत्र घायल है वासना में लुप्त हुई, चेतना हमारी है। लूट,पाट,मार,काट, मची सारे देश में है आम जिंदगी का, एक-एक पल भारी…

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सामाजिक बहिष्कार और कानूनी सख्ती बहुत जरुरी

अजय जैन ‘विकल्प’ इंदौर(मध्यप्रदेश) **************************************************************************** मुद्दा सामूहिक दुष्कर्म का................ जिस देश की राजधानी दिल्ली से देश की सत्ता चलती है,यदि वहाँ ही महिला सुरक्षित नहीं है या तेलंगाना-हैदराबाद में पहले…

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बेटियाँ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** बेटी तो कोमल कली,बेटी तो तलवार। बेटी सचमुच धैर्य है,बेटी तो अंगार॥ बेटी है संवेदना,बेटी है आवेश। बेटी तो है लौह सम,बेटी भावावेश॥ बेटी…

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भारी बस्ता

वकील कुशवाहा आकाश महेशपुरी कुशीनगर(उत्तर प्रदेश) *************************************************************** खुद से भारी बस्ता ढोकर, गिर जाते हैं बेसुध होकर। आज दिवस छुट्टी का आया, हम बच्चों के मन को भाया। बस्ते को अब…

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हे माँ,मुझे शुभ दान दे

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’ अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ***************************************************************************** हे माँ,मुझे शुभ दान दे। मैं मलिन मति सद्ज्ञान दे॥ तम भ्रम निराशा युक्त मन, अर्पण तुझे यह मलिन मन, मति-भाव-वाणी विमल कर- सद्भाव सुमति,सुज्ञान…

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उत्थान

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’ रावतसर(राजस्थान)  ********************************************************************************* करना हो उत्थान अगर जो, सत्पथ पर चलना होगा हाथ बुराई का पकड़ोगे, निश्चित वही पतन होगा। करना निज उत्थान तुम्हें तो, स्वाध्यायी हो…

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सजनी-सजना

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’ बेंगलुरु (कर्नाटक) **************************************************************************** सुनो सजनी जिंदगी तुम, तेरी खुशियों का साजन हूँ मेरी खुशबू इबादत तुम, गगन से तारे तोड़ लाऊँl बनूँ मैं मीत जीवन की,…

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