वतन हमारा

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** भारत वतन हमारा,प्राणों से अधिक प्यारासिर पर मुकुट हिमालय,बहती है गंग धारा। पग धो रही है माँ का,अपने पुनीत जल सेहिंद महासागर,की शुद्ध निर्मल धारा। भाषा अनेक…

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दुनिया एक रंगमंच

दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’कलकत्ता (पश्चिम बंगाल)******************************************* दुनिया एक रंगमंच है,हम सभी कलाकार हैं। ये जिंदगी एक नाटक है,हम सब उसके किरदार हैं। सबका रोल एक-सा होता नहीं,कोई किसी की नकल…

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स्पर्धा ‘पाती वीर जवानों के नाम’ में प्रविष्टि आमंत्रित

जयपुर (राजस्थान)। 'पाती अपनों को' मुहिम के माध्यम से इस बार की अखिल भारतीय प्रतियोगिता का विषय 'पाती वीर जवानों के नाम' है, जिसमें कोई भी व्यक्ति और शिक्षण संस्थाओं…

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रंगों का मधुमास

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) ************************************************* रंगों का मधुमास फागुनी, होली का त्यौहार मनानाहोली पूर्णिमा पावन उत्सव, श्वेत रंग मन धवल बनाना। मानवतावादी चिन्तन मन,रंग रंगीला फाग बनानातन को नहीं…

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तरुणा

संजय वर्मा ‘दृष्टि’ मनावर(मध्यप्रदेश)**************************************** प्यार एक सीमित रेखा है,तरुणा उम्र का आकर्षण हैतपस्या प्रेम की,विश्वामित्र नहीं जो भंग ना होसब अपनी-अपनी जगह सही। हौंसला ना हो तो,प्रेम टूटाजैसे टूटता है तारा,और…

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अविनाश बंधु सशक्त कवि, रचनाओं में पर्याप्त भक्ति भावना-सिद्धेश्वर

पटना (बिहार)। अविनाश बंधु की खासियत है कि, वे सिर्फ अभिनेता नहीं, बल्कि एक सशक्त कवि भी हैं, जिनकी कविताओं में एक तरफ सामाजिक विसंगतियाँ दिखती हैं, तो दूसरी तरफ…

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कभी-कभी मन करता है…

ममता तिवारी ‘ममता’जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)******************************************** पँख मेरे हों मैं भी उडूँ, कभी-कभी मन करता है,मुझसे विलग मुझको करूँ, कभी-कभी मन करता है। मैं अपूर्ण या पूर्ण पिंड हूँ, इच्छा तन या मन…

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३ साहित्यकारों को मिला शोभा देवी स्मृति साहित्य सम्मान

प्रतापगढ़ (उप्र)। प्रतापगढ़ जनपद के वरिष्ठ कहानीकार प्रेमकुमार त्रिपाठी के कहानी संग्रह 'कक्का बुआ', साहित्यकार कुंज बिहारी लाल मौर्य की बाल कृति 'मैं हूँ तेरा लल्ला' तथा श्रीनाथ मौर्य सरस…

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मैं रंगों का त्यौहार…

डॉ.अनुज प्रभातअररिया ( बिहार )**************************** होली विशेष... कहती होली-मैं, रंगों का त्योहार,मेरी खूबसूरती बेमिसालरंग देती मैं सबके चेहरे को,बनके अबीर-गुलालमैं, होली रंगों का त्योहार। नाज़-नखरे,मान-मनौव्वलयह मेरा उदगार,'बुरा न मानो' कहते…

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जोश से मनाओ त्यौहार

सरोजिनी चौधरीजबलपुर (मध्यप्रदेश)************************************** होली विशेष.... रंजिशें जो थी बरस में,वह मिटाने आ गयाहोली का त्यौहार देखो,रंग लेकर आ गया। बड़ा ही सुहावन यह,भावमय त्यौहार हैघर, नगर और गाँव बस,उल्लास ही…

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