खो गया समय

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** “हैलो,हाँ यार अनिल,मैं शहर पहुँच चुका हूँ। तुम कहाँ हो ?” राजेश अपने मित्र को फोन पर पूछ रहा था। कई वर्षों बाद वह किसी काम से भिलाई आया था। इसी शहर में उसने उच्च शिक्षा प्राप्त की थी। यहां वह हॉस्टल में रहा, पर उसके बहुत सारे मित्र इसी शहर … Read more

घर की रौनक बच्चे

मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** बच्चे मन के होते सच्चे, सुन्दर कृति ईश्वर की सौन्दर्यमय उनकी लीलाएं, मन मोहते,लोगों का। चहक-चहक कर फुदकने लगते, घर-आँगन में खुशियाँ बिखेरते मन भी उनके निर्मल होते, हृदय से सरस भाव झलकते। माता-पिता की आँखों का तारा, उनसे है जग में उजियारा नींद न आये तब माँ से, सुनने लगते … Read more

परिवार का महत्व समझिए

राज कुमार चंद्रा ‘राज’ जान्जगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़) *************************************************************************** वर्तमान समय में परिवारों की जो स्थिति हो गयी है,वह अवश्य चिन्तनीय है। घरों में आज सुनाने को सब तैयार हैं मगर कोई सुनने को राजी नहीं। रिश्तों की मजबूती के लिये हमें सुनाने की ही नहीं, अपितु सुनने की आदत भी डालनी पड़ेगी। माना कि आप सही … Read more

डॉगी का बिस्कुट

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** “अम्मा,हम लोगों की जात क्या है ?” नन्हा मोनू पूछ रहा था। “क्यों तुझे जात का क्या करना है ?” अम्मा ने झुंझलाते हुए कहा। “वो गली के मोड़ पर जो बड़ी बिल्डिंग है न,जिनके यहाँ डॉगी है। आज मैं उनके डॉगी के साथ खेल रहा था। उन्होंने अपने डॉगी को … Read more

जीवन में सफलता का मन्त्र है सकारात्मक सोच

राज कुमार चंद्रा ‘राज’ जान्जगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़) *************************************************************************** आमतौर पर लोग ये कहते हैं कि “हमने तो पूरी कोशिश कि,पर काम नहीं हुआ”,दरअसल अगर आप पूरी कोशिश करेंगे तो आप असफल होंगे ही नहीं। सपने हर कोई देखता है पर पूरा हर कोई नहीं कर पाता…जानते हैं क्यों ? क्योंकि कुछ लोग बस देखते हैं,सोचते हैं … Read more

मैं मन हूँ

डॉ.चंद्रदत्त शर्मा ‘चंद्रकवि’ रोहतक (हरियाणा) ******************************************************* मैं मन हूँ विचारों का-भावों का, परिचायक हूँ खुशी का घावों का इच्छा,जीवन गति का जनक हूँ, मैं ही शांति हूँ-में ही भटक हूँ। मैं ही चेतन हूँ-अविनाशी हूँ, सब प्राणियों में मैं सर्वव्यापी हूँ मैं शाश्वत हूँ-न सोता-जागता हूँ, बस चलना मेरा काम-भागता हूँ। जो मुझे जान लेता … Read more

तपती धरती

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** तपती धरती,जल रहा आसमान, घटता जल,सब हैं हैरान। लुप्त होती हरियाली, नहीं दिखती प्रकृति की लाली। नीम-पीपल की छाँव तले, अब न कोई झूला झूले। बाग-बगीचे में न कोई मिले, पेड़-पौधों को सब भूले। शीतल न होती अब सिंदूरी साँझ, धरती हो रही अब बाँझ। सूरज अब डराने लगा है, मन … Read more

बेटी

सुरेश चन्द्र सर्वहारा कोटा(राजस्थान) *********************************************************************************** भेदभाव अपमान को,कदम-कदम पर झेलl फिर भी बेटी बढ़ रही,ज्यों-त्यों जीवन ठेलll कह सकते उनको नहीं,कभी सभ्य परिवारl खाती हो जिनके यहाँ,बेटी गाली मारll करें भरोसा बेटियाँ,बोलो किस पर आजl कामुकता में लिप्त जब,घर परिवार समाजll बेटी को देवी समझ,भले न पूजें पाँवl लेकिन घर में तो उसे,दें सम्मानित ठाँवll … Read more

माँ अनमोल

डॉ.शैल चन्द्रा धमतरी(छत्तीसगढ़) ******************************************************************** माँ रोम-रोम में हर मानव के बसती है, उसके बिन नहीं मानव की कोई हस्ती है। जन्मदात्री जननी जग से न्यारी है, हर रूप में माँ सबको प्यारी है। माँ का प्यार-दुलार जीवन का अनुमप उपहार, माँ तेरी हो हर युग में जय-जयकार। माँ सरस्वती-लक्ष्मी-अन्नपूर्णा होती है, खुद विपत्ति सहकर बच्चे … Read more

माँ का स्नेह

मनोरमा चन्द्रा रायपुर(छत्तीसगढ़) ******************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… माँ करती स्नेह अपार, बच्चों पर बरसाती प्यार। पालन-पोषण कर बच्चों का, फर्ज निभा चलाती घर-बार। संकटों से रक्षा करती, नित मेहनत कर पेट भरती। रूठ जाने पर अपने बच्चों को, हँस कर खूब मनाया करती। स्नेही करुणामयी होती माँ, खुद भूखी रह भोजन बनाती। अपने हिस्से … Read more