नेह नीर का प्यासा पंछी

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************** (रचनाशिल्प:मात्रा भार १६+१४=३०) नेह नीर का प्यासा पंछीआँगन-आँगन डोल रहा,मिले चोंच भर नेह कहीं सेअपने बंधन खोल रहा। रहा भटकता दर-दर पर मैंअपने मन की प्यास…

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कुछ दीप अवश्य जला देना

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************** आओ सब मिल याद करें,आजादी के परवानों कोखुद का ही बलिदान किया,उन ऐसे सभी जियालों को। सीमा पर लड़ते रहते थे,हर मौसम की मार सहीहोली-दीवाली भूल…

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बिदाई

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************** (रचनाशिल्प:तर्ज-चलो रे डोली उठाओ कहार) लाड़ों से हमने पाला है तुम्हें,फूलों की तरह संभाला तुम्हेंतुम पर अब अपना तो जोर नहीं है,वो है ससुराल कोई और…

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सृजन करे सृष्टि का

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************** ईश्वर सृजन करे सृष्टि का,वही है रचनाकार बड़ा,अद्भुत रूप दिया मानव को,मनुज देखता रहा खड़ा। सृजन किया नदिया-सागर को,झरने कल-कल नाद करे,जंगल पर्वत धरा विहंसती हरियाली…

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मन का हवन

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************** क्या-क्या आशाएं हैं मन में भीतर झाँको मनन करो,स्वाहा का उच्चारण करके अपने मन का हवन करो। क्या चाहत ईश्वर से तुमको,यह सोचो और चयन करो,याद…

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माँ की नज़र में बेटा-बेटी

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ******************************************************** आँगन की फुलवारी को महकाती हैं बेटियाँ,माँ की बहुत दुलारी हो जाती हैं बेटियाँ। बेटा-बेटी होते माँ की आंख के तारे,घर में सभी पे प्यार लुटाती…

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ये क्या हो गया

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ***************************************************************** मानव का क्या हाल हो गया,मानवता को घोल पी गया।सच्चाई का हाल बुरा है,झूठा फूला ढोल हो गया॥ दुनिया का है चलन निराला,बाहर उजला अंदर काला।निर्बल…

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एक बेटी का दर्द…माँ बिन

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ***************************************************************** माँ बिन आज लाड़ली बेटी‌ फूट-फूट कर रोती,करके माँ को याद अश्रु सेअपने नयन भिगोती।माँ होती तो दीवाली परमिल कर खुशी मनाते।कौन मुझे ढांढस बँधवाए,"काश आज…

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माँ मेरी माँ

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ***************************************************************** माँ तुमने ही जन्म दिया और मिट्टी से इंसान बनाया,पाकर कष्ट अपार तुम्हीं ने दुनिया का है मुँह दिखलाया।तेरा आशीर्वाद है माँ दुनिया सारी इज्जत देती,चलता…

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नव भारत

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ***************************************************************** आओ मिलकर सृजन करें हम,नव भारत निर्माण करें हमlजो सोए हैं आँखें खोलें,उन आँखों में स्वप्न भरें हमllनव भारत… राहों में बाधाएं होंगी,वो बाधाएं दूर करें…

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