मत डरना अबला बन

माया मालवेन्द्र बदेकाउज्जैन (मध्यप्रदेश)********************************** मत डरना अबला बन,जीना अपनी शान से,सबला है,सबला रहेगी,जीना मान-सम्मान से।भारत की नारी है तू,देवी बन पूजी जाती है,डरना फिर क्यों,अत्याचारी पापी इंसान से॥ याद कर झांसी की रानी की कूद गई थी रण में,उस देवी को याद करना,सीख लेना बलिदान से।हारती नहीं नारी कभी,विषम परिस्थिति आ जाए,चामुंडा बन,काली बन,पापी डर … Read more