दिल में है ख़ुदा तो राम भी है

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************** मेरी ग़ज़लों में नया आयाम भी है,इनके जरिए प्यार का पैग़ाम भी है। खो चुके हैं देख लो हम इस जहां में,ढूंढना खुद को हमारा काम…

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ताजमहल नहीं जागीर बादशाह की

नताशा गिरी  ‘शिखा’ मुंबई(महाराष्ट्र)*********************************** गुरुर नहीं,मैं ताजमहल हूँ,रक्त से सना संगमरमर का अकूहल हूँकितनों का प्रेम उजाड़ कर,अन्दर से बना खंडहरऊपर से दिखता चहल हूँ,प्रेम को घृणित कर देकिया कर्म वो…

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नासमझ था दिल मेरा

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* नासमझ था दिल मेरा ये उनसे जा टकराया था,उनके गलियों में जाने कौन-सा मज़ा आया थाl भटकते-फिरते उनके तलाश में जो यूं दर-बदर,और शाम होते दर्द-ए-आलम…

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न तुम्हारी जिंदगी में आते

नताशा गिरी  ‘शिखा’ मुंबई(महाराष्ट्र)******************************************************** जो मर ही जाते,ना तुम्हे यूँ सताते,अच्छा होता,न तुम्हारी जिंदगी में आते। न दिखाते तुम सपने,न खाते हम कसमें,न बनता प्यार का जहां,होता सूना आसमां। न होती…

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कैसे बिसरा दूँ उन यादों को

नताशा गिरी  ‘शिखा’ मुंबई(महाराष्ट्र)******************************************************** कुछ शब्द पिरो दूँ जज्बातों में,कुछ वक्त मैं निशब्द रहूँ,पिता का जब नाम आए,उस वक्त मैं क्या-क्या कहूँ। उम्र के हर पड़ाव में रिश्तों का मतलब बदला…

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तू साथ दे

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* ये रूह जिस्म से अब निकलना चाहती है,तू साथ दे बाँहों में पिघलना चाहती है। यूँ तो शिक़ायत नहीं है मुझे जिंदगी से,पर ये आज बस…

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राष्ट्रपिता

शिखा सिंह ‘प्रज्ञा’लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* महात्मा गांधी जयन्ती विशेष..... संस्कृत भाषा के महात्मासादर नमन पूर्ण आत्मा,मोहनदास करमचंद गांधी था जिनका नामजन्म लिया जिन्होंने २ अक्टूबर १८६९,पोरबन्दर(गुजरात) मेंमाता थी जिनकी पुतलीबाई,करमचंद जी…

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नारी-एक अनकही कहानी

शिखा सिंह 'प्रज्ञा'लखनऊ (उत्तरप्रदेश)************************************************* जिस खूबसूरती को आप देख रहे,वो रोज आपके लिए सँवारती है…जिस मुस्कुराहट को आप देख रहे,वो आपके लिए आँसू छुपाती है…।आप कहते हैं-आप जानते हैं उसे,फिर…

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अम्बर भी तो रोया होगा…

नताशा गिरी  ‘शिखा’  मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************************* आधा-पौना शव जब लिपट तिरंगे में आए होंगे,वो सत्ताधारी गूंगे थे, हर माँ की चीख ने प्रतिशोध की ज्वाला हर दिल में उपजाई होगी। वामपंथी…

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इक जंग लड़नी शेष है

नताशा गिरी  ‘शिखा’  मुंबई(महाराष्ट्र) ********************************************************************* इक जंग लड़नी शेष है, खुद को नमन अभिषेक है। इस जिंदगी रेस में, आतंक के परिवेश में। फल-फूल रहा है जो, कातिलों के आगोश…

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