उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश)
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गणतंत्र दिवस और युवा…

आओ गणतंत्र मनाते हैं, दुनिया को हम समझाते हैं,
देश से बढ़कर कोई नहीं, हम नैतिक बात बताते हैं।
भारत की शान तिरंगा है, ऊँचा सबसे लहराते हैं,
जन-गण-मन हमको प्यारा, सावधान खड़े हो गाते हैं।
गणतंत्र दिवस हमको भाता, हर साल हम इसे मनाते हैं,
पाठशाला हो या कार्यालय, झंडा अपना फहराते हैं।
भारत माता के चरणों में, हम हरदम शीश नवाते हैं,
सीमा रेखा से दुश्मन को, हम धक्का मार भगाते हैं।
वीरों ने दी आज़ादी हमको, हँसकर फाँसी पर चढ़ गए,
वीरता देख सपूतों की, दंग फिरंगी रह गए।
ए वीर जवानों सजग रहो, अब भार तुम्हारे कंधे है,
जयचंदों से तुम दूर रहो, इरादे ही उनके गंदे हैं।
है जान से बढ़कर देश मेरा, मैं खुद को भी मिटा दूंगा,
रास्ता रोके जो पर्वत भी, मैं ठोकर मार हटा दूंगा।
यह देश है वीर जवानों का, किसानों ने अन्नदान दिया,
मौसम हो चाहे कैसा भी, हम नहीं हटेंगे, ठान लिया।
बात मानो दिल की अपने, सभी जीवों से प्यार करो,
बल वैभव चाहे हो जितना, कभी नहीं अभिमान करो।
कहे ‘उमेश’ देश है अपना, अपनों का हरदम मान करो,
अनुशासन से मिले बड़ाई, संविधान का सम्मान करो॥
परिचय–उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।