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राष्ट्र प्रेम और अनोखे बलिदान को याद करना जरूरी
डॉ.अरविन्द जैनभोपाल(मध्यप्रदेश)*****************************************
विश्व आदिवासी अंतर्राष्ट्रीय (९ अगस्त) दिवस विशेष...
आदिवासी शब्द २ शब्दों 'आदि' और 'वासी' से मिल कर बना है,...
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आजादी का अमृत महोत्सव मनाएँगे
बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)****************************************
भारत की यह शान तिरंगा,हर घर में फहराएँगे।देशभक्ति की अविरल धारा,जन मन हृदय बहाएँगे॥
प्राणों...
बनें इन्सान
हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़)
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रचनाशिल्प:१२२२ १२२२ १२२२ १२२२
बनें इन्सान हम सब तो, सजेगी देन दाता की।भले इन्सान बनकर ही, मिलेगी देन दाता...
राजनीति
ग़ज़ल
कविता
यह कैसी टीस!
हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)*****************************************
बिन शोलों के चुभन-सी होती है,बिन जख्मों के ही होती है पीड़ाक्षण-क्षण दायित्व का बोझ झकझोरे,बिन उठाए कोई दायित्व का बीड़ा।
...
मित्रता-निर्मल झरना प्रेम का
डॉ. संगीता जी. आवचारपरभणी (महाराष्ट्र)*****************************************
मित्रता और जीवन....
मित्रता कूचे-गलियों से जो है बनती,स्कूलों के मैदानों में है पलतीखेतों-खलिहानों में है अंगड़ाई लेती,और फिर जिंदगीभर नहीं है टूटती।
ग़रीबी के मायने बहुत हैं साहब
ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’अलवर(राजस्थान)***********************************************
तुम क्या जानो ऐ हजूर,ग़रीबी क्या होती है ?हमने देखा है करीब से,बे-ग़रज-ए-फकीर-सी होती है।
न दिल में चैन होता है,न चेहरे पे हँसी होती हैदरख्तों के...
अक्सर देर लग जाती है!
शशि दीपक कपूरमुंबई (महाराष्ट्र)*************************************
अक्सर देर लग जाती है,यूँ ही सोच-सोचकर-बिता दिए दिन,एक छोटी चींटी कोउसके घर तक पहुंचाने में,था उस समय,बहुत ही आसान काममगर,मन बहला-फुसला दिए जमाने के।
अब...
जय-जय हिन्दुस्तान
दिनेश कुमार प्रजापत ‘तूफानी’दौसा(राजस्थान)*****************************************
हर घर तिरंगा,घर-घर तिरंगाभारत की है शान,जय-जय हिन्दुस्तान।
केसरिया रंग मान बढ़ावेवीरों की हमें याद दिलावेइस रंग पर देखो कितने,बलि हुए बलिदान।जय जय…