अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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गणेश चतुर्थी विशेष….
हे गौरी नन्दन,करता हूॅ॑ वन्दन,चरणों में मुझे लीजिए।
हर ओर प्रताप आपका,ज्ञान मुझको दीजिए।
सब देवों के प्रिय हैं आप,रिद्धि-सिद्धि के दाता,
प्रथम पूज्य श्रीगणेश करूं विनती यही,दु:ख हर लीजिए।
आप ही तो प्रथम पूज्य,आपसे ही सब नव काज,
चिन्ताएं-कुंठाएं हजार प्रभु,थोड़ी कृपा तो कीजिए।
मूषकराज है सवारी,लड्डू-मोदक प्रिय आपको,
एक दंत,ज्ञान वंत,साकार आप,लोभ जग से दूर कीजिए।
बल,बुद्धि,विद्या देने वाले आप,देव दूजा ना कोई,
मुझ बुद्धिहीन को बुद्धि दे के,ज्ञान की झोली भर दीजिए।
की पहले मात-पिता की परिक्रमा,दिखा दी सबको बुद्धि,
शत-शत प्रणाम गजानन आपको,अब तो दर्शन दीजिए॥