बबीता प्रजापति
झाँसी (उत्तरप्रदेश)
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छोटे-छोटे हाथ तुम्हारे
छोटे छोटे पाँव
ठुमक-ठुमक के चलती प्यारी,
चलती अपने गाँव।
नैनन में अंजन लगाती,
मैया ले बलाएँ
कमल-सी कोमल प्यारी को,,
नज़र कहीं न लग जाए।
हृदय का टुकड़ा वो माँ का,
बातें खूब बनाए
बाल भाव की बातें,
सबको खूब लुभाए।
कनक कंगन रजत पैंजनी,
रुनझुन खूब बजाती है।
बिटिया है हृदय का टुकड़ा,
सब पर स्नेह लुटाती है॥