भोजन
डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* सात्विक भोजन कीजिए, मन हो सदा प्रसन्न।चित्त सदा ऐसा रहे, जैसा खाओ अन्न॥ भोजन मन से ही करें, बढ़े भोज का स्वाद।तन मन दोनों स्वस्थ हों, रहे नहीं अवसाद॥ चबा-चबा कर खाइए, भोजन का ले स्वाद।तभी भोज तन को लगे, होय नहीं बर्बाद॥ भोजन उतना लीजिए, जिससे भरता पेट।झूठा अन्न न … Read more