संयम है उत्थान

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* संयम का है ही नहीं, किंचित यहां विकल्प।संयम को नित मानना, आगत का संकल्प॥ संयम को तो मानकर, मानव बने महान।संयम वह संकल्प है, जो लाता सम्मान॥ संयम तो है चेतना, संयम है उत्थान।संयम को ही थामकर, जीना हो आसान॥ संयम तो संदेश है, संयम है शुभकर्म।संयम तो है बंदगी, … Read more

देख रहे सब लोग

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* नर्म करो तेवर ज़रा, भरसक रक्खो लोच।उनकी करो सराहना, अच्छी जिनकी सोच॥ लोकतंत्र मज़बूत हो, जब होवै संवाद।बातचीत से हल हुए, छोटे-बड़े विवाद॥ अजब तमाशा चल रहा, देख रहे सब लोग।हम तो कहते हैं इसे, लोकतंत्र का सोग॥ ठीक तरह से परखिए, तब रखिए कुछ आस।समझ बूझ कर कीजिए, … Read more

सद् विचार पूँजी बड़ी

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* सद् विचार पूँजी बड़ी, माने ये संसार।ग़लत राह से रोकते, कम करते हैं खार॥ धनवानों को राहबर, रोज़ करें सैल्यूट।देश लूटने की सदा, देते पूरी लूट॥ फितरत में धोखाधड़ी, सख्त बड़ा व्यवहार।बदकारों से है सज रहा, उसका ही दरबार॥ जैसा करते हैं करें, प्रतिदिन काम अनेक।जग का जिससे हो … Read more

भोजन

डॉ.एन.के. सेठीबांदीकुई (राजस्थान) ********************************************* सात्विक भोजन कीजिए, मन हो सदा प्रसन्न।चित्त सदा ऐसा रहे, जैसा खाओ अन्न॥ भोजन मन से ही करें, बढ़े भोज का स्वाद।तन मन दोनों स्वस्थ हों, रहे नहीं अवसाद॥ चबा-चबा कर खाइए, भोजन का ले स्वाद।तभी भोज तन को लगे, होय नहीं बर्बाद॥ भोजन उतना लीजिए, जिससे भरता पेट।झूठा अन्न न … Read more

करना तुम सहयोग

अब्दुल हमीद इदरीसी ‘हमीद कानपुरी’कानपुर(उत्तर प्रदेश)********************************************* योग शुरू यदि कर दिया, अब करना कम भोग।योग गुरू का हर समय, लेना तुम सही योग॥ तन-मन सारा शुद्ध कर, करता योग निरोग।सेहत की चाहत अगर, हर दिन करिये योग॥ धर्म-कर्म का हर घड़ी, रख कर चल संयोग।बीत चुके कल का नहीं, कभी मनाना सोग॥ भले आदमी का … Read more

दमके नित सिन्दूर

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* नारी हर पल चाहती,खिलता रहे सुहाग।सात वचन के संग में,खेले नित अनुराग॥ यही कामना माँग में,दमके नित सिन्दूर।वैवाहिक जीवन रखे,सदा दिव्यता,नूर॥ अग्निदेव को पूजकर,माँगा था वरदान।खुशियों से पूरित रहें,हे ! भगवन् अरमान॥ रहे हर्ष,गतिशीलता,हो नित ही उत्कर्ष।छूटेे किंचित भी नहीं,बीतें चाहें वर्ष॥ नारी की खुशियाँ तभी,जब तक संग सुहाग।सात वचन … Read more

दीमक-सा व्यवहार

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* दीमक कहता आपसे, मेरा यह व्यवहार।हममें भी है एकता, खंडित सह आधार॥ बड़ा संगठन साथ में, करते मिल-जुल काम।बुनियादों को तोड़ते, है विनाश निज धाम॥ मनुज करे व्यवहार जो, वह है आज समान।बिना लक्ष्य को साधकर, कार्य करें इंसान॥ आज दीमकों की तरह, मनुज कार्य में लीन।ध्येय सत्य पथ का नहीं, … Read more

है चुनरी में आन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* नारी के श्रंगार सँग,चुनरी सोहे ख़ूब।है लज्जा,सुर-ताल-लय,सामाजिकता-दूब॥ रहता चुनरी में सदा,शील और निज आन।चुनरी में बसते सतत्,अनजाने अरमान॥ चुनरी में गरिमा निहित,मर्यादा का रूप।जिससे मिलती सभ्यता,को इक नेहिल धूप॥ चुनरी तो वरदान है,चुनरी तो अभिमान।चुनरी नारी-शान है,चुनरी है इक गान॥ चुनरी तो बलवान है,चुनरी तो उत्थान।चुनरी तो इक आस है,चुनरी … Read more

मोबाइल से नुकसान

आशा आजाद`कृति`कोरबा (छत्तीसगढ़) ******************************************* घटता मेल-मिलाप है, यह कैसा है दौर।मोबाइल नुकसान दे, कोई करे न गौर॥ दूरदृष्टि पर आज ये, डाले बहुत प्रभाव।वर्तमान में छूटता, सबसे नित्य लगाव॥ बच्चे अपने जिद से, करते हैं परेशान।समयानुसार सब चलें, ऐसा देवें ज्ञान॥ मोबाइल से हानि है, होवे कम उपयोग।सेहत सुंदर चाहिए, करें नित्य ही योग॥ नित्य … Read more

बचपन

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* बचपन की यादें सुखद,दें मीठे अहसास।बचपन के दिन थे भले,थे बेहद ही ख़ास॥ दोस्त-यार सब थे भले,जिनकी अब तक याद।कुछ ऊँचे अफ़सर बने,वे अब भी आबाद॥ कुछ पढ़ने में तेज थे,कुछ बेहद कमज़ोर।शिक्षक थे सच्चे गुरू,रखा काम पर ज़ोर॥ शाला प्यारी थी बहुत,सुंदर थे सब कक्ष।मेरी शाला भव्य थी,नालंदा-समकक्ष॥ दिन … Read more